Superstition : आरोपी मां पद्मजा गणित में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह आईआईटी की तैयारी कर रहे बच्चों को गणित की कोचिंग भी पढ़ाती है। वहीं आरोपी पिता वाइस प्रिंसिपाल है।
अमरावती। Superstition : अंधश्रद्धा के चक्कर में एक उच्च शिक्षित दंपति ने अपनी दो बेटियों की डंबल से वार कर हत्या कर दी। मृत बेटियों की आरोपी मां पद्मजा गणित में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह आईआईटी की तैयारी कर रहे बच्चों को गणित की कोचिंग भी पढ़ाती है। वहीं आरोपी पिता वाइस प्रिंसिपाल है। घटना आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के मदनापल्ले नगर की है।
दोनों अंधश्रद्धा (superstition) के चक्कर में ने 24 जनवरी को अपनी बेटियों को मौत के घाट उतारा इस चक्कर में कि सूरज निकलते ही दोनों जिंदा हो जाएंगी। आरोपी दंपति का मानना था कि रविवार कलयुग का अंतिम दिन है और सोमवार को सतयुग की शुरुआत हो जाएगी। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तो बेटियों को मारने के बाद वह उनकी लाशों की पास झूमती रही। जब पुलिस ने दंपति को गिरफ्तार कर आरोपी महिला का कोरोना टेस्ट कराना चाहा तो उसने यह टेस्ट कराने से मना कर दिया।
महिला ने कहा कि चीन से कोरोना वायरस नहीं आया बल्कि यह वायरस उसके शरीर से निकला है। वह भगवान शिव है, जिसके कंठ में हलाहल यानी विष है। उसने यह भी कहा कि कोरोना वायरस मार्च में बिना वैक्सीन के खत्म हो जाएगा।
हालांकि महिला ने पति पुरुषोत्तम नायडु के समझाने के बाद कोरोना टेस्टिंग के लिए अपना सैंपल दे दिया। मृत बेटियों में बड़ी का नाम अलेख्या तथा छोटी का नाम दिव्या है। हालांकि ओरोपी मां ने हत्या से इनकार किया है। उसका कहना है कि पहले उसकी बड़ी बेटी ने छोटी को मारा फिर उसने अपने माता-पिता को इस बात के लिए तैयार कर दिया वे उसे अपनी छोटी बहन से मिलाने के लिए मार दे।