Supebeda : बकौल बेदो बाई उनके पति की मौत होने पर उनके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे
टेकलाल प्रधान/देवभोग।सुपेबेड़ा (Supebeda) में किडनी की बीमारी तो लोगों की जान ले ही रही है। साथ ही यह सुपेबेड़ा के लोगों की आर्थिक बदहाली का कारण भी बन रही है। खबर में बयां किया जा रहा वाकया इसकी बानगी है।
बात हो रही है सुपेबेड़ा (Supebeda) के जयसन पटेल की, जिनकी किडनी की बीमारी से बीते दिनों मौत हो गई थी।
उनके परिवार ने उनकी बीमारी के इलाज पर इतना खर्च कर दिया कि अब मजबूरी व मुफलिसी में जीवन बिताने को मजबूर है। कर्ज हुआ सो अलगा। अब जयसन पटेल के अंतिम संस्कार के लिए उनकी विधवा पत्नी को अपना राशन कार्ड तक गिरवी रखना पड़ा।
जयसन की विधवा पत्नी बेदो बाई पटेल ने नम आंखों से पूरी कहानी नवप्रदेश को बयां की। उन्होंने बताया कि उनके पति जयसन पटेल की किडनी की बीमारी के इलाज के लिए पहले तो उन्हांनेे पश्तैनी जमीन व सोना चांदी बेच दिया। इससे भी बात नहीं बनी तो लाखों का कर्ज भी लिया।
लेकिन अंत में जयसन जिंदगी की जंग हार गए। बकौल बेदो बाई उनके पति की मौत होने पर उनके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे तो उन्हें अपना राशन कार्ड गिरवी रखना पड़ा। बेदोबाई आगे बताती हैं कि उनके सामने अब उनके सामने अपने दो बेटी व एक बेटे के लालन पालन व उनकी पढ़ाई बड़ी चुनौती बनी हुई है। क्योंकि पहले से लिए कर्ज को चुकाने के लिए वर्षों लग जाएंगे।
कई जगह कराया इलाज पर नहीं बची जान
बेदो बाई ने कहा कि जयसन को बचाने के लिए देवभोग के साथ ही ओडिशा के नवरंगपुर भवानीपटना, नेंगुडा, धरमगढ़, विशाखापट्टनम समेत अन्य जगह भी इलाज कराया। इसके लिए उन्होंने सरकारी के साथ ही गांव के लोगों से भी कर्ज लिया। जयसन के इलाज पर पूरी राशि खर्च हो गई। उन्होंने बताया कि जब उनके पति की मौत हो गई तो उनके सामने पैसों के अभाव में जयसन के अंतिम संस्कार का प्रश्र खड़ा हो गया।
ऐसे में उन्होंंने अपना राशन कार्ड गिरवी रख दिया और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूर्ण की। बकौल बेदो बाई अब उनके सामने कर्ज चुकाने व बच्चों की पढ़ाई का प्रश्र है। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।