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सीएम- सुपेबेड़ा के हालात केंद्र को बताएं, राज्यपाल- जरूरत पड़ी तो अवश्य बताऊंगी

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 किडनी की बीमारी से मौतों पर गरमाई सियासत

रायपुर/नवप्रदेश। सुपेबेड़ा (supebeda) में किडनी की बीमारियों से हो रही मौतों (deaths) पर सूबे की सियासत (politics) गरमाने (boils) लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) के बयान पर शनिवार को राज्यपाल अनुसुईया उइके (governor anushuiya uikey) ने कहा कि यदि उन्हें जरूरत महसूस होगी तो वे केंद्र सरकार को भी सुपेबेड़ा (supebeda) के हालातों से अवश्य अवगत कराएंगी। दरअसल सुपेबेड़ा के मामले में राज्यपाल व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक के बाद एक बयान आ रहे हैं।

राज्यपाल उइके ने शुक्रवार को सुपेबेड़ा (supebeda) के हालातों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि सुपेबेड़ा के हालात बेहद चिंताजनक हैं और वे जल्द ही वहां का दौरा करेंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि हेलिकॉप्टर नहीं मिला तो वे सड़क मार्ग से ही सुपेबेड़ा जाएंगी।

राज्यपाल (governor anushuiya uikey) के इस बयान पर मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel) ने प्रतिक्रिया दी थी कि राज्यपाल जी की चिंता जायज है। सरकार भी सुपेबेड़ा को लेकर चिंतित है। यदि राज्यपाल जी सुपेबेड़ा जाती हैं तो उनका स्वागत है।

उन्हें वहां की स्थिति की जायजा लेना चाहिए और केंद्र सरकार को इसके बारे में अवगत कराना चाहिए। मुख्यमंत्री केे इसी बयान पर अब शनिवार को राज्यपाल उइके ने कहा कि उन्होंने मानवीय दृष्टिकोण से बयान दिया था। सुपेबेड़ा के पीडि़तों को लाभ मिलना चाहिए। जरूरत पड़ी तो वे भारत सरकार को चिट्‌ठी भी लिखेंगी।

मामले के तूल पकड़ने की ये वजह भी

गौरतलब है कि सुपेबेड़ा (supebeda) में पेयजल में खराबी होने के कारण वहां के लोग किडनी की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। अब तक 71 लोगों की मौत (deaths) इस बीमारी के कारण हो चुकी है।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि चित्रकोट उपचुनाव के मद्देनजर भी सुपेबेड़ा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा, प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आक्रामक है और वह लगातार यह सवाल उठा रही है कि आखिर प्रदेश सरकार सुपेबेड़ा के हालातों में सुधार के लिए क्या कर रही है।

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