दोरनापाल/नवप्रदेश। सुकमा (sukma) जिले के पालामडगु गांव में जंगली (forest) फुटू (mashroom) खाकर कोई घर में पड़ा मिला तो कोई खेत में। एक ही परिवार के 6 लोग बीमार पड़ गए। सुकमा (sukma) के इस गांव में एकाएक सभी को बीमार पड़ता देख गांव में एक तरह से दहशत का माहौल बन गया क्योंकि इनके बीमार पडऩे की वजह समझ नहीं आ रही थी।
अंतत: फूड प्वाइजनिंग की बात सामने आई। जिसके बाद ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी। इसी दौरान जग्गावरम कोलाईगुडा इलाके में मलेरिया की जांच करने निकली डॉ. मुकेश बख्शी व उनकी टीम को सूचना दी गई। टीम ने तुरंत प्राथमिक उपचार किया। खेतों में बेहोश पड़े लोगों को ग्रामीणों ने खाट के जरिए गांव तक लाया।
2 घर में 4 खेत में पड़े थे
जंगली (forest) फुटू (mashroom) खाने से परिवार के बीमार पड़े 6 में से 2 लोग घर पर थे वहीं 4 अन्य खेत में बेहोश पड़े थे। जब गांव में चिल्लाने की आवाज सुनी गई तो हड़कम्प मच गया जिसके बाद परिवार के अन्य लोगों को खोजने ग्रामीणों की टुकड़ी निकली। 1 किमी दूर खेतो में अन्य मरीज मिले जिन्हें खाट के माध्यम से निकाला गया।
बीमार लोगों में फूट पॉइजनिंग का शिकार एक वृध्दा, एक गर्भवती महिला एक युवती समेत 3 अन्य युवक शामिल हैं। जिनको गांव में एम्बुलेंस मंगवाकर अस्पताल रेफर किया गया। फिलहाल सभी स्वस्थ हैं ।
सेवन से पहले परख भी जरूरी
गौरतलब है कि फुटू बस्तर की लोकप्रिय सब्जी है जो बारिश के मौसम में लोगों की डिमांड में रहती है। इसे खरीदने के लिए लोगों की होड़ मची रहती है। इसे लेने के लिए भीड़ इतनी होती है कि फुटू ही खत्म हो जाता है मगर डॉक्टरों की मानें तो फुटू खाने से पहले उसकी परख भी जरूरी है। सामान्यतया मार्केट में आने वाला फुटू विक्रेता परख कर लाता है, वही जंगल से सीधे प्राप्त फुटू खाना वह भी बिना परखे खतरे से खाली नहीं है। फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए परिवार ने अब बगैर परख के फुटू खाने से तौबा कर लिया है। डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं कि खाने से पहले परख जरूर लें और अनुभवी लोगों से भी सलाह लें।
फूड पॉइजनिंग की वजह से एक ही परिवार के 6 लोग बीमार पड़ गए थे हमारी टीम उस इलाके में मलेरिया टेस्ट के लिए निकली हुई थी इसी दौरान जब हमारी वापसी हो रही थी तो ग्रामीणों ने हमें इसकी सूचना दी। हमने प्राथमिक तौर पर उपचार किया और एंबुलेंस मंगवा कर उन्हें तत्काल रेफर कर दिया। फिलहाल उनकी स्थिति सामान्य है।
-डॉ. मुकेश बख्शी, चिकित्सक ,आरएमए