रायपुर/नवप्रदेश। Suicide Attempt : खारुन नदी में एक महिला ने अपनी 5 साल की बेटी, 7 साल के बेटे और 52 साल की मां के साथ हाथ पकड़कर छलांग लगा दी। वहां मौजूद नाविकों की तत्परता ने उन्हें बचा लिया और पुलिस बुलाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। खबर के मुताबिक चारों की हालत अब सामान्य है। महादेव घाट के पास हुई ये घटना सोमवार की शाम को घटी। पुलिस की जांच में इन तमाम बातों का खुलासा हुआ।
रायपुर ब्राम्हण पारा (Suicide Attempt) की रहने वाली 52 साल की शुभलक्ष्मी मिश्रा रहती हैं। करीब 8 साल पहले उनकी बेटी अंकिता मिश्रा (31) की शादी इंदौर के एक युवक से कराई गई थी। अंकिता के दो बच्चे- 5 साल की बेटी हर्षिता और 7 साल का बेटा इशांत हैं। अंकिता का अक्सर पति से विवाद हुआ करता था। जब मायके वालों को इसकी जानकारी दी तो तय हुआ कि दोनों तलाक लेकर अपनी-अपनी जिंदगी गुजारेगा। इस कारण अंकिता अपने दोनों बच्चों के साथ पिछले कुछ महीनों से इंदौर से रायपुर अपने पिता चंद्रकांत मिश्रा के घर पर रह रही थी।
दरअसल, अंकिता रोज-रोज की कलह से शांति (Suicide Attempt) की तलाश में पति से विच्छेद लेने की सोची, लेकिन उसकी परेशानी अपने पीहर आकर भी कम नहीं हुई। पिता चंद्रकांत मिश्रा अपनी बेटी को हमेशा ताना मारते थे, ये कहकर कि, बस यहीं बैठे रहती हो, पति का घर ूद छोड़ आई हो। चंद्रकांत का गुस्सा सिर्फ अंकिता या उनके बच्चों पर ही नहीं बल्कि अपनी पत्नी शुभ लक्ष्मी पर भी कहर बनकर टूटता था। मां-बेटी इस रवैये से तंग आकर घुटन महसूस करने लगीं। हालात इस कदर हावी हो गए कि पिता के तानों से बेहतर मौत लगी, और इसी उद्देश्य से अंकिता अपनी मां और दो छोटे बच्चों संग जान देने का फैसला कर शाम के वक्त घर पर निकल गए।
चारों ऑटो लेकर लाखे नगर, सुंदर नगर होते हुए रायपुरा और फिर महादेव घाट के पास पहुंच गए। बच्चों को तो अहसास नहीं था, कि मां-नानी क्या करने जा रही है, लेकिन मां-बेटी जानती थी कि वे क्या करने जा रहे है, इसलिए दोनों के आंखों में टपटप आंसू बह चले थे। इस दौरान एक पल के लिए भी दोनों ने उस मासूम के बारे में नहीं सोचा। महादेव घाट के ब्रिज के पास पहुंची और पुल से चारों ने छलांग लगा दी।
गोताखोर की फुर्ती ने बचाई जान
उस वक्त नदी के पास ही मौजूद गोताखोर (Suicide Attempt) और नाविक लोकनाथ धीवर और उसके साथी मौजूद थे। वो पानी में गिरते ही फौरन इनकी तरफ लपके। पानी में बहाव था, बच्चे नदी की लहरों में समा रहे थे, अंकिता और उसकी बूढ़ी मां सांस रुकने पर पानी से बाहर आने की छटपटाहट में थे। लोकनाथ ने अपने 4-5 साथियों के साथ मिलकर कुछ ही मिनट में सभी को पकड़ लिया और किनारे पर लेकर आया।