छत्तीसगढ़ में अब स्कूली बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ शिक्षक स्कूल परिसर और उसके आसपास घूमने वाले कुत्तों (Stray Dog Monitoring) की निगरानी भी करेंगे। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ऋतुराज रघुवंशी ने प्रदेश के सभी संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि प्रत्येक स्कूल में प्राचार्य या संस्था में नियुक्त किसी अन्य अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाए।
स्कूल परिसर में विचरण करने वाले कुत्तों की जानकारी शिक्षक या प्राचार्य तुरंत ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्रों में संबंधित नगरीय निकायों को दें, ताकि डॉग कैचर दल आवश्यक कार्रवाई कर सके। यह कदम स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और कुत्ता नियंत्रण व्यवस्था (Stray Dog Monitoring) को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूल प्रमुख जिम्मेदार होंगे कि किसी भी परिस्थिति में आवारा कुत्ते स्कूल परिसर में प्रवेश न कर सकें। स्कूल प्रबंधन को परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की समय–समय पर समीक्षा करते हुए आवश्यक सुधार भी सुनिश्चित करना होगा। प्रदेश में 57 हजार से अधिक स्कूलों में लगभग पौने दो लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जहां करीब 60 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। ऐसे में बड़े पैमाने पर स्कूल परिसरों में निगरानी तंत्र को प्रभावी बनाना आवश्यक माना जा रहा है।
संचालक ऋतुराज रघुवंशी के आदेश में यह भी साफ कहा गया है कि यदि किसी स्कूली बच्चे को कुत्ता काटता है, तो शिक्षक या प्राचार्य उसकी सुरक्षा और उपचार की पूरी जिम्मेदारी निभाते हुए रेबीज का इंजेक्शन लगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। विभाग ने इसे बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील मामला बताते हुए शिक्षकों को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

