रायपुर/नवप्रदेश। BJP Counter : जशपुर के पत्थलगांव मामले पर सियासी उठापटक लगातार जारी है। कवर्धा और पत्थलगाँव की घटना को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर भाजपा ने सवाल उठाया है। भाजपा ने दोनों घटनाओं की न्यायिक जाँच की मांग की है। इसके साथ ही पत्थलगांव घटना में मृतक के परिवार को 1 करोड़ एवं घायल लोगों को 50-50 लाख की मुआवज़ा राशि देने की बात कही है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया कि शांति का टापू कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ अब अपराधों का गढ़ बन गया है। गांजे से भरी गाड़ी ने पत्थलगांव में लोगों को कुचला जिसमें 1 की मौत हो गई एवं 16 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कवर्धा के बाद यह दूसरी बड़ी घटना है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। लगता है कि इस समय प्रदेश का पूरा प्रशासनिक तंत्र कन्फ्यूज़ है कि भूपेश की सुनें या बाबा की।
एफआईआर में संदेह
शिवरतन शर्मा (BJP Counter) की माने तो पत्थलगांव में दुर्गा विसर्जन जुलूस के लिए बकायदा प्रशासन से अनुमति ली गई थी। जुलूस से एक दिन पहले शांति समिति की बैठक भी हुई थी। इसके बाद भी विसर्जन जुलूस के समय सुरक्षा के कड़े प्रबंध नहीं थे। शिवरतन ने कहा कि, दुर्घटना में घायल 16 लोग अस्पताल में दाखिल हैं और ये सभी के सभी आदिवासी हैं। इस घटना को लेकर दो एफआईआर हुई। पहली एफआईआर में गांजा तस्करी का उल्लेख नहीं किया गया। शाम को जो दूसरी एफआईआर हुई उसमें तस्करी का प्वाइंट जुड़ा, जिससे संदेहों को बल मिलता है।
सीएम को प्रदेश की चिंता नहीं
शिव रतन शर्मा ने कहा कि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर में भी कार से कुचलने की घटना हुई और मुख्यमंत्री बघेल उत्तरप्रदेश जा पहुंचते हैं। वहां लोकतंत्र खतरे में होने की बात कहते हुए लखनऊ एयरपोर्ट पर धरने पर बैठ जाते हैं लेकिन अपने प्रदेश के पत्थलगांव एवं कवर्धा में इतनी बड़ी घटना हो गई उसके लिए मुख्यमंत्री के पास समय नहीं है। भाजपा की मांग है कि पत्थलगांव घटना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार मृतक के परिजनों को 1 करोड़ तथा घायलों को 50-50 लाख का मुआवजा दे।
सरकार के संरक्षण में अपराध
भाजपा ने सीधे तौर पर सरकार पर अपराध को बढ़ाने में सहयोग देने का आरोप लगाया है। भाजपा उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार (BJP Counter)के संरक्षण में अवैध कार्य और अपराध पूरी तरह से बेलगाम हो चूका है। उन्होंने कहा कि ओडिसा से लाया जा रहा गांजे की खेप छत्तीसगढ़ के बैरियर को पार कर गई लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी। ऐसे में क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है। छत्तीसगढ़ में 15 दिनों के भीतर दो बड़ी घटनाएं घट गई लेकिन प्रदेश के मुखिया को कोई परवाह ही नहीं है। शांति का टापू कहलाने वाला छत्तीसगढ़ अब अपराध का गढ़ बन गया है। इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से ज़िम्मेदार है और सरकार के संरक्षण में ही ये सारे अपराध हो रहे हैंं।