- 6 लाख हेक्टेयर वनक्षेत्र को कवर करेगा प्रोजेक्ट
- केंद्र की मिली मंजूरी, जनवरी से शुरू होगा काम
अश्विन अगाड़े/रायपुर। प्रदेश (state) का वन विभाग (forest department) जल एवं मृदा संरक्षण (water and soil conservation) की दिशा में बड़ी पहल करने जा रहा है। प्रदेश के 6 लाख हेक्टेयर वनक्षेत्र में वाटर शेड यूनिट के तहत 153 करोड़ (153 crore rupees) की लागत से जल एवं मृदा संरक्षण (water and soil conservation) के लिए काम किया जाएगा।
राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने नवप्रेदश को बताया कि इसके तहत वन क्षेत्र से शुरू होने वाले नालों पर जगह-जगह स्टॉप डैम, चेक डैम, सर्कुलेशन टैंक बनाए जाएंगे। जिन नालों पर ये काम किए जाने हैं, उन्हें चिह्नित कर लिया गया है। जनवरी से प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।
विभाग (forest department) के इस प्रोजेक्ट पर करीब 153 करोड़ (153 crore rupees) रुपए खर्च होंगे। यह राशि कैंपा (कंपनसेटरी अफारेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) योजना के तहत केंद्र की ओर से राज्य को मिले फंड में से ही खर्च की जाएगी। चतुर्वेदी ने बताया कि इस योजना से लगतार नीचे जा रहे भू-जल स्तर में वृद्धि होगी। दूसरे शब्दों में कहे तो ग्राउंड वाटर रिचार्ज होगा। जिससे वनक्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने में तो मदद मिलेगी ही साथ ही वनक्षेत्रों से सटे गांवों के जलस्रोतों के जलस्तर में भी सुधार होगा। वनक्षेत्रों से सटे दूरस्थ अंचलों में गर्मी के दिनों में जलसंकट की समस्या भी कम हो सकती है।
इनका कहना है
वाटर एंड सॉयल कंजर्वेशन (water and soil conservation) से जुड़े छत्तीसगढ़ वन विभाग (forest department) के प्रोजेक्ट को केंद्र से मंजूरी मिल गई है। जनवरी से इस पर काम शुरू हो जाएगा। प्रोजेक्ट पर वैसे तो कैंपा योजना के तहत राज्य को प्राप्त राशि में से ही 153 करोड़ (153 crore rupees) खर्च होने हैं, लेकिन प्रोजेक्ट के लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी थी, जो अब मिल गई है।
-राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, छत्तीसगढ़ (नवप्रदेश से चर्चा में कहा)