Site icon Navpradesh

खेल मैदान बना राजनीतिक आयोजनों के लिए पहली पसंद, रसूखदारों का दबदबा…

दुर्ग/रंजन पाण्डेय। Sports ground Durg: पद्मनाभपुर स्थित एकमात्र खेल मैदान जिसे मिनी स्टेडियम कहते हैं, खेल के बजाए अन्य गतिविधियों में बेजा इस्तेमाल हो रहा है। पद्मनाभपुर क्रिकेट ग्राउंड (पीसीसी) में पांच साल के बच्चे से लेकर बड़े उम्र के लोग भी क्रिकेट, फुटबॉल हॉकी, कराटे और तरह-तरह के खेल खेलते हैं। इस पूरे इलाके में यही एक छोटा सा मैदान है। जहां बच्चे खेलते है। दुर्ग के हृदय स्थल में अवस्थित होने से इसकी उपादेयता और भी बढ़ जाती है। खेल के क्षेत्र में बहुआयामी इस्तेमाल करने यह उपयुक्त स्थल है।

पहले यह स्थान जब महज खाली मैदान था, तब भी यहां क्रिकेट के बड़े आयोजन किए जाते थे। उस समय से यह मैदान पीसीसी के नाम से पहचाने जाने लगा था। किंतु जब से इस मैदान पर स्टेडियम का निर्माण किया गया है, तब से खेल के बजाए अन्य गतिविधियों में इसका दुरुपयोग होने लगा है। सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक आयोजनों के लिए यह मैदान रसूखदार लोगो की पहली पसंद बन गया है।

दुर्ग विधायक अरुण बोरा, शहर के मेयर या अन्य कई लोग नगर निगम के साथ मिलकर यहां कोई न कोई समारोह आयोजित करने उसे किराए पर उठाते रहते हैं। अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए या अन्य धार्मिक और सामाजिक पार्टियां भी यहां किए जाते हैं। हमारे देश में खेल व खिलाडिय़ों के साथ अन्याय का सिलसिला नया नहीं है। तभी तो एशियन गेम में चीन जहां 90 स्वर्ण पदक जीत चुका है तो हम 6 पर ही अटके हुए है।

आश्चर्य होता है कि सिस्टम के जिम्मेदार लोग कैसे आंख मूंदे बैठे रहते हैं। मैदान के समीप ही रहने वाले वरिष्ठ वकील कनक तिवारी ने इस संबंध में कई बार कलेक्टर और सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट से शिकायत की है। वे अपने स्तर पर पूरी मदद करते है। यहां तक लाउडस्पीकर बजाने में प्रतिबंध की कोशिश करते हैं । लेकिन कार्यक्रम समारोह के आयोजन को तो रोक नहीं सकते।

पर दुर्ग नगर के विधायक और मेयर इस पर ध्यान क्यों नही देते, समझ से परे है। विधायक व महापौर की खामोशी ठीक नही हैं। विविध आयोजनों में डीजे इतनी जोर से बजाते हैं कि पूरे मोहल्ले का चैन उड़ जाता है। बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो जाती है। कोई सुनने देखने वाला नहीं है।

दुर्ग शहर संभाग मुख्यालय है। इसके बावजूद शहर की गरिमा को कायम रखने के सरकारी प्रयासों का सदा अभाव रहा है। रविशंकर स्टेडियम का हाल सबको पता है। अभी कल ही प्रख्यात सीने स्टार अमीषा पटेल का कार्यक्रम रविशंकर स्टेडियम में हुआ।

आने वाले दिनों में पीसीसी मे दशहरा महोत्सव मनाया जाएगा। उसके लिए भी मैदान खोद दी जायेगी और दिन भर शोरगुल होगा, वह अलग। खेल व खिलाडिय़ों का संवर्धन हमारी प्राथमिकता में नहीं होना हमारे समाज व देश की विडंबना है। खेल मैदानों की ऐसी अनदेखी से हम भला सुपर पावर कैसे बन पायेंगे, सोचने वाली बात है।

Exit mobile version