रांची, नवप्रदेश। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पैतृक गांव नेमरा में बाहा पर्व मनाया। हेमंत सोरेन ने गुरुवार को नेमरा में पारंपरिक परिधान में पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। हेमंत सोरेन के साथ परिवार और गांव के अन्य लोग भी बाहा पूजा में शामिल (Soren Reached His Native Village) हुए।
बाहा पर्व की शुरुआत होली के दूसरे दिन से होती है। आदिवासी समाज में सदियों से यह पर्व मनाया जाता है। संथली समाज के लोग प्राकृति की पूजा के लिए बाहा पर्व को मनाते हैं। इस पर्व में पतझड़ के बाद पेड़ों में आने वाले नए पत्तों का स्वागत किया जाता (Soren Reached His Native Village) है।
बाहा पर्व के साथ नए साल की शुरुआत
हेमंत सोरेन की भाभी और जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने बताया कि बाहा पर्व के साथ संथाली समाज में नए साल की शुरुआत होती है। इस त्योहार में परिवार के सभी सदस्यां को आमंत्रित किया जाता (Soren Reached His Native Village) है।
सखुआ के पेड़ और फूलों का विशेष महत्व
बाहा पर्व को संथाली आदिवासी समुदाय के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते है। इसमें सखुआ के पेड़ और फूलों का विशेष महत्व होता है। महिलाएं सखुआ के फूलों को अपने बालों में लगाती हैं।
हेमंत सोरेन के गांव पहुंचने पर नेमरा में जश्न का माहौल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार की देर शाम को ही नेमरा गांव पहुंच चुके थे। उन्होंने रात्रि विश्राम नेमरा में ही किया। हेमंत सोरेन के गांव पहुंचने से नेमरा में जश्न का माहौल है। इससे पहले रामगढ़ पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से पूरे पारंपरिक तरीके से सीएम हेमंत सोरेन का स्वागत किया गया।
सीएम हेमंत सोरेन ने समस्याएं सुनी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेमरा गांव पहुंचने पर स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की। इस दौरान कई लोगों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं को रखने का काम किया। हेमंत सोरेन ने गांव वालों के साथ बैठक भी की।