भारत से दक्षिण अफ्रीका जा रहे एक जहाज पर सोमालिया तट के पास गुरुवार को मशीनगनों और रॉकेट-चालित ग्रेनेड से हमला बोला गया। यह संभवत: इस क्षेत्र में सक्रिय सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा किया गया नवीनतम (Somali Pirates Attack) है। इसे 2024 के बाद सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। चालक दल के सभी 24 सदस्य जहाज के सुरक्षित कमरे में शरण लिए हुए हैं और सभी सुरक्षित हैं। जहाज पर सवार चालक दल में पांच सदस्य ग्रीक के तथा अन्य फिलिपिनो नागरिक हैं।
लात्सको मरीन प्रबंधन ने एक बयान में कहा कि सभी 24 चालक दल सुरक्षित हैं और उनकी गिनती की जा चुकी है। हम उनके साथ निकट संपर्क में हैं। ब्रिटिश सेना के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस सेंटर ने हमले को लेकर अलर्ट जारी किया है और क्षेत्र में मौजूद जहाजों को चेतावनी दी है। निजी सुरक्षा फर्म एम्ब्रे ने भी हमले की पुष्टि की है। फर्म ने कहा कि डाकुओं ने भारत के सिक्का से दक्षिण अफ्रीका के डरबन जा रहे माल्टा के झंडे वाले एक टैंकर को निशाना बनाया है।
हिंद महासागर में फिर बढ़ा समुद्री डाकुओं का खतरा
अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि हिंद महासागर क्षेत्र में पिछले छह महीनों से समुद्री डाकुओं की गतिविधियां बढ़ी हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, सोमालिया तट के पास अब भी कई सशस्त्र समूह सक्रिय हैं जो बड़े मालवाहक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। इन डाकुओं के पास आधुनिक हथियार और स्पीड बोट्स हैं, जिनसे वे अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक मार्गों पर खतरा पैदा कर रहे हैं। हाल ही में ईरान की मछली पकड़ने वाली नाव इस्सामोहमादी को भी डाकुओं ने अपने संचालन केंद्र के रूप में जब्त किया था। हालांकि, ईरान ने इस दावे को अस्वीकार किया है।
एम्ब्रे ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह हमला सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा किया गया है। समुद्री डाकू हाल के दिनों में इस क्षेत्र में अधिक सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में ईरानी मछली पकड़ने वाली नाव इस्सामोहमादी को अपने संचालन केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने के लिए जब्त कर लिया था। हालांकि, ईरान ने नाव को जब्त किए जाने की बात स्वीकार नहीं की है।
हमला किए गए जहाज का विवरण हेलास एफ्रोडाइट से मिलता-जुलता है, जिसने हमले के समय अपना रास्ता बदल दिया था और गति धीमी कर ली थी। जहाज के मालिकों और प्रबंधकों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका। एक अन्य समुद्री सुरक्षा फर्म डायप्लस ग्रुप ने कहा कि हमला किए गए जहाज में 24 नाविकों का दल था। सभी ने हमले के दौरान खुद को जहाज के सेफ चैंबर में बंद कर लिया था। जहाज पर कोई सशस्त्र सुरक्षा दल नहीं था।
वैश्विक सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया रेड अलर्ट
ब्रिटिश सेना के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस सेंटर ने सभी अंतरराष्ट्रीय जहाजों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। इससे पहले 2024 में भी इसी क्षेत्र में एक ईरानी तेल टैंकर पर हमला हुआ था, जिसके बाद कई हफ्तों तक अंतरराष्ट्रीय नौपरिवहन बाधित रहा। (Somali Pirates Attack) के इस नए मामले को 2024 के बाद अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। समुद्री निगरानी एजेंसियों ने कहा है कि यदि इन डाकुओं को जल्द काबू नहीं किया गया तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

