नयी दिल्ली/ जेनेवा (स्विट्जरलैंड)। भारत ने विश्व श्रम संगठन (आईएलओ) के मंच पर बताया कि उसने अपनी आबादी में सामाजिक सुरक्षा कवरेज का स्तर दोगुना करके 48.8 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है और उसकी इस उपलब्धि से वैश्विक स्तर पर सामाजिक सुरक्षा कवरेज में पांच प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार जेनेवा में आईएलओ की संचालन परिषद की 353वीं बैठक की कार्रवाई में हस्तक्षेप करते हुए श्रम सचिव सुनिता डावरा ने बताया कि भारत में सामाजिक सुरक्षा कवच प्रदान करने में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), ई-श्रम पोर्टल, पीएम जन आरोग्य और लक्षित सर्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) जैसे प्रमुख संस्थाओं और योजनाओं, संगठनों और योजनाओं की बड़ी भूमिका है और उनके योगदान को मान्यता मिली है।
ईपीएफओ में अंशदन करने वाले सदस्यों की संख्या 7.37 करोड़ है, ईएसआईसी में 14.4 करोड़ लाभार्थी है, ई-श्रम पोर्टल पर 30.6 करोड़ पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के सदस्य है, पीएम जन आरोग्य योजना में 60 करोड़ लोगों का सुरक्षा कवच मिला है और लक्षित पीडीएस से 81.35 करोड़ लोगों को मुफ्त या सस्ते खाद्यान्न का लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज का अधिक सटीक आकलन प्राप्त करने हेतु आईएलओ के सहयोग से राज्य विशिष्ट डेटा पूलिंग अभियान शुरू किया है।
सुश्री डावरा 10 से 20 मार्च तक आयोजित इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने आईएलओ के महानिदेशक एवं वरिष्ठ विशेषज्ञों तथा अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा की। सुश्री डावरा ने कहा कि भारत ने वैश्विक मंच पर श्रम कल्याण, गुणवत्तापूर्ण रोजगार और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने में अग्रणी आवाज के रूप में कार्य करना जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।