भिलाई/नवप्रदेश। सर्पदंश (snakebite in bhilai) से भिलाई (bhilai) पॉवर हाउस के हथकोच हैवी इंडस्ट्रीयल एरिया निवासी एक 6 साल के बच्चे की करेत सांप के काटने से मौत (death of 6 year boy) हो गई। बच्चे के परिजन ने दुर्ग जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
बच्चे के पिता का कहना है कि भिलाई (bhilai) के सुपेला के अस्पताल में बच्चे को दो इंजेक्शन लगाए गए, जिसके बाद बच्चे को दुर्ग जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन पिता का कहना है कि जिला अस्पताल में इलाज शुरू होने से पहले तक बच्चा ठीक था, लेकिन उसे बोतल चढ़ाते ही उसकी हालत बिगड़ गई और उसने दम तोड़ (death of six year boy) दिया।
परिजन ने सांप को नहीं सौंपा सर्पमित्र को
सर्पदंश (snakebite in bhilai) के इस मामले में बच्चे के पिता ने यह भी बताया कि बच्चे को बचाने के लिए उन्होंने झाड़ फूंक का सहारा लेना भी चाहा, लेकिन प्रशासन से इसकी इजाजत नहीं मिली। दो थानों की पुलिस लगा दी गई। पिता ने यह भी स्वीकार किया कि वे बच्चे को हर तरह से बचाने के लिए उन्होंने सांप को सर्पमित्र के माध्यम से पकड़वाया, लेकिन सांप को पहले सर्पमित्र को नहीं सौंपा। उन्होंने एसा इस मान्यता के चलते किया कि जब तक सांप जिंदा रहेगा तब तक उनका बच्चा भी जिंदा रहेगा।
अपनों को खोने के डर से आज भी अंधविश्वास का सहारा
वहीं मामले से जुड़े अन्य सूत्रों का कहना है डॉक्टरों द्वारा बच्चे को मृत घोषित किए जाने के बाद भी परिजन उसकी मौत को स्वीकार नहीं कर रहे थे। पोस्टमार्टम से पहले वे बैगा-गुनिया से झाड़ फूंक कराकर बच्चे को जीवित करने की कोशिश में लगे रहे। इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सर्पदंश के प्रकरण में अपनों के खो जाने के डर से लोग आज भी झाड़ फूंक व अंधविश्वास का सहारा लेते हैं।