मुंगेली/नवप्रदेश। सांप काटने (snake bite) पर उसके जहर का छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के इस गांव (village) की सरहद में कोई असर नहीं (no effect of snake poison) होता। इस मान्यता के बारे में गांव के लोग ही यह बात बताते हैं। गांव का नाम है खेड़ा, जो प्रदेश के मुंगेली (mungeli) जिले में स्थित है।
मुंगेली (mungeli) के खेढ़ा गांव के लोगों ने बताया कि मान्यता है कि गांव को नागदेवता का वरदान मिला है, जिसके चलते इस गांव की सरहद में सांप डंस (snake bite) भी ले तो उसके जहर का कोई असर नहीं (no effect of snake poison) होता। यह गांव मुंगली (mungeli) जिला मुख्यालय से 7 किमी. दूर स्थित है। गांव (village) वालों ने नाग देवता के वरदान के बारे में एक कहानी भी बताई।
ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव को नागदेवता ने वरदान दिया था कि सांप के काटने से इस गांव में मौत नहीं होगी। हालांकि नवप्रदेश न तो ऐसी किसी घटना की पुष्टि करता है और न ही इस मान्यता का समर्थन करता है। पढ़िए वरदान की पूरी कहानी ग्रामीणों की जुबानी…
‘कभी मालगुजार के सपने में आए थे नागदेवता’
ग्रामीणों के मुताबिक, बताया जाता है कि सौकड़ों वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के इस गांव के मालगुजार के सपने में नागराज आये और कहा कि गांव के तालाब के पीपल पेड़ पास वह नागदेवता संकट में हूं। तब इसे मालगुजार ने स्वप्र मान कर ध्यान नहीं दिया। दूसरी रात को भी उन्हें स्प्वन आया तब मालगुजार परिवार व गांव के लोग तालाब के पीपल पेड़ के पास जाकर देखा तो उन्हें सांप दिखाई दिया और उसके मुंह से खून बह रहा था।
सांप के मुंह में एक मछली फंसी हुई थी, जिसका काटा सांप के मुह में फंस गया था। नाई ने काटा निकाल कर सांप को छोड़ दिया। जिसके बाद रात्रि में नागराज पुन: मालगुजार के स्वप्र में आये और कहा कि आप लोगों के कारण मेरी जान बच गई। जिससे मैं प्रसन्न हूं और वरदान देता हूं कि आज के बाद इस गावं में लोगों को सांप के डंसने से मौत नहीं होगी।
मालगुजार परिवार के सदस्य ने बताया…
ग्रामवासियों का कहना है कि तब से आज तक हमारे में गांव में सांप के काटने से किसी की मृत्यु नहीं हुई। गांव के मालगुजार परिवार के सदस्य भागवत का कहना है कि गांव के गई लोगों को जहरीले सांप ने काटा है। सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव के लोगो को पर नागराज के वरदान का विश्वास है।