14 हजार फीट से की स्काइडाइविंग
रायपुर/नवप्रदेश। Skydiving : रायपुर के 25 वर्षीय इंद्रजीत घोष दुर्लभ उपलब्धि हासिल करने वाले छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति बन गए हैं। जब उन्होंने रियाज़ान ओब्लास्ट, रूस से लाइसेंस प्राप्त यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूट एसोसिएशन के एक विमान से 25 बार कूदकर 14 हजार फीट से स्काइडाइव किया।
इसी महीने स्काईडाइव (Skydiving) इंडिया द्वारा इंद्रजीत को प्रशिक्षित किया गया था। इंद्रजीत को पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी और स्काइडाइविंग प्रशिक्षक राजेश कुमार, रूसी सेना, बेलारूस राष्ट्रीय टीम और प्रमाणित यूएसपीए प्रशिक्षकों द्वारा गहन प्रशिक्षित किया गया था, जिसे एएफएफ (त्वरित फ्री फॉल) के रूप में जाना जाता है। प्रशिक्षण के दौरान शरीर को जल्दी से स्काइडाइविंग वातावरण के अनुकूल लाना सबसे आवश्यकता होता है। विमान से कूदना के लिए प्रशिक्षण में हवाई पवन सुरंग का उपयोग भी किया जाता है।
कम समय में हासिल की उपलब्धि
महामारी के कारण, इंद्रजीत के पास अपना कोर्स पूरा करने के लिए केवल 20 दिनों का वीज़ा था लेकिन स्काईडाइवर (Skydiving) को खराब मौसम में कूदने की अनुमति नहीं थी। दुर्भाग्य से उसके लिए, उसके अधिकांश प्रवास के दौरान मौसम खराब था। ऐसे में इंद्रजीत को अपना कोर्स पूरा करने के लिए विशिष्ट अभ्यासों के साथ 5 छलांग लगाना पड़ा। हलाकि ये आसान नहीं था,क्योंकि कुछ ट्रेनी 2 छलांग लगाने के बाद भी खड़े नहीं हो पाते हैं। कारण है अत्यधिक मानसिक थकान।
इंद्रजीत ने बताया कि महामारी के दौरान जब जिम और क्लब बंद थे, तब खुद को स्काइडाइविंग के लिए तैयार करने के लिए वह रात 11 बजे के बाद अपने सोसायटी परिसर में कसरत करते थे, जब सड़कें पूरी तरह से खाली हो जाती थीं। उन्होंने पिछले 1 साल से भूमिका की तैयारी के लिए हाइपरेक्स्टेंशन प्रशिक्षण विधियों का उपयोग किया। उन्होंने दक्षता लाने बंजी जंपिंग, रिवर राफ्टिंग, रैपलिंग और हाफ मैराथन भी किया है। लेकिन इंद्रजीत को यकीं नहीं था कि वह एक प्रमाणित स्काईडाइवर बन पाएंगे।
पालकों और दोस्तों का मिला साथ
इंद्रजीत कहते हैं, “पिता और माता हमेशा साथ मिलता रहा, कभी भी किसी प्रकार का दबाव उनके ओर से नहीं रहा। यही कारण है कि आज ये मुकाम हासिल हो पाया। इंद्रजीत ने अपने दोस्तों की भी बड़ी तारीफ की। इंद्रजीत ने अपने दोस्तों को रीढ़ की हड्डी करार दिया। उसने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान अत्यधिक थकान से उबारने मेरे साथ मजाक किया करते थे। साथ ही पूरी तरह से मेरा ख्याल भी रखते थे। इंद्रजीत ने बताया कि स्काईडाइविंग (Skydiving) क्रिकेट की तरह है। जैसे क्रिकेट में अगर आप गेंद को मिस करते हैं तो आप अपना विकेट खो देते हैं, उसी प्रकार स्काईडाइविंग में छोटी सी चूक में आप अपनी जान गंवा देते हैं। इसलिए कुछ भी मौका नहीं छोड़ा जा सकता है।
एथलीटों को किया प्रोत्साहित
इंद्रजीत रायपुर के ज्ञान गंगा स्कूल से अपनी 12 वीं की पढ़ाई पूरी की और एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई से अपनी इंजीनियरिंग की। इंद्रजीत रायन इंटरनेशनल रायपुर के हेडबॉय और क्रिकेट चैंपियन थे। उन्होंने 2007 में नेपाल में एशियाई क्रिकेट परिषद में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। वर्तमान में इंटरएक्टिव एवेन्यू में एक वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं,जहां उन्हें स्टार परफॉर्मर के रूप में उनकी उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया है। उनकी नौकरी ने उन्हें स्काइडाइविंग के लिए फंड देने में मदद की, उन्होंने दिन भर काम किया और रात में स्काइडाइविंग के लिए तैयारी की।
इंद्रजीत अब यूएसपीए के लाइसेंस स्काईडाइवर है। इंद्रजीत ने रायपुरियन एथलीटों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि “एक लाख बाधाएं आएंगी पर धैर्य रखें और आगे बढ़ते रहें। साथ ही उन्होंने कहा कि साहसी लोगों को बढ़ावा देने वो हमेशा तत्पर रहेंगे।