–Skill India: कोविड –19 के खिलाफ लड़ाई में हेल्थकेयर सेक्टर का सपोर्ट करने के लिए 6 नए कोर्स
- ·नामांकित उम्मीदवारों के लिए स्टाइपेंड और बोर्डिंग एंड लॉजिंग के साथ 3 महीने के ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के साथ शॉर्ट टर्म कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स उपलब्ध
- हेल्थकेयर सेक्टर को सपोर्ट करने के लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा विशेष रूप से डॉक्टरों और नर्सों के बोझ को कम करने का प्रयास
- शार्टटर्म कार्यक्रमों और अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से खतरनाक रसायनों और लिक्विड ऑक्सीजन (एलओएक्स) से निपटने के लिए 2500 ड्राइवरों का कौशल प्रशिक्षण
- 500 से अधिक जिलों में ऑक्सीजन प्लान्ट्स में काम करने के लिए 20,000 आईटीआई स्नातकों की पहचान की गई
नई दिल्ली। Skill India: कोविड -19 की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्रमोदी ने आज देशभर में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं की स्किलिंग और अपस्किलिंग के लिए ‘स्वास्थ्यसेवा में कोविड 19 फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के कस्टमाइज्ड क्रैशकोर्स कार्यक्रम‘ की शुरुआत की। स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग पहल के माध्यम से नौकरी करने के लिए तैयार एक सक्रिय कार्य बल बनाकर कोविड-19 से लड़ाई में रणनीतिक और तत्काल सहायता द्वारा एक नई दिशा प्रदान की जा सकेगी।
लॉन्च इवेंट के दौरान, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भविष्य में कोरोना वायरस के और अधिक बढ़ने को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने की जरूरत है और इस वायरस से अतिरिक्त स्किल्ड मैनपॉवर काफी हद तक निपटने में सहायक होगी।
कोविड -19 ने मौजूदा स्वास्थ्यप्रणाली पर बहुत अधिक दबाव बनाया है और देशभर में कुशल कोविड योद्धाओं की आवश्यकता पहले की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। देशभर में कोविड -19 फ्रंटलाइनवर्कर्स की क्षमता बढ़ाने पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने एक कस्टमाइज़्ड क्रैशकोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित और कुशल कोविड फ्रंटलाइन वर्कर्स का एक पूल बनाने का निर्णय लिया है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक सेवाओं से संबंधित और प्रासंगिक भूमिकाओं में एक लाख से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों की स्किलिंग और अपस्किलिंग करना है। पहचान किए गए नए जॉब रोल्स में बेसिक केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट, होम केयर सपोर्ट, मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में एक शार्टटर्म प्रशिक्षण शामिल होगा, जिसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों, डायग्नॉस्टिक सुविधाओं, सैम्पल कलेक्शन सेन्ट्रस आदि जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं में 3 महीने की ऑन द जॉब ट्रेनिंग शामिल होगी।
ये छह कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स हेल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल (HSSC) द्वारा कम से कम समय में विकसित किए गए हैं, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवर शामिल हैं; और ये स्किल रेग्युलेटर अर्थात् NCVET द्वारा अनुमोदित है। शुरुआत में एमएसडीई ने इसप्रशिक्षणकार्यक्रमको26 राज्योंके111 प्रशिक्षणसंस्थानोंमेंशुरुकरनेकानिर्णयलियाहैऔर जल्द ही 1 लाख प्रोफेशनल्स विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य सुविधाओं पर ऑन द जॉबट्रेनिंग के लिए उपलब्ध होंगे।
राज्यों से प्राप्त मांग के आधार पर, राज्यों में कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षणों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उम्मीदवारों को देश हेल्थकेयर सिस्टम में प्रोफेशनल्स की तत्काल आवश्यकता का सपोर्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इन सहायता गतिविधियों में शामिल हैं
- बेसिक इक्विपमेंट जैसे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, नेबुलाइजर, ईसीजी और पल्स ऑक्सीमीटर के काम करने में सहायता
- आपात स्थिति के लिए सभी कन्ज़युमेबल्स, इक्विपमेंट्स और अन्य इन्वेंट्री के साथ एम्बुलेंस तैयार करने में सहायता।
- नौकरी की भूमिकाओं में से एक में, उम्मीदवारों को इमरजेंसी स्थितियों जैसे क्लीनिकल इमरजेन्सी, ट्रॉमा इमरजेन्सी, सामूहिक दुर्घटना, आपदा प्रबंधन, आदि से निपटने में सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- इनमें से कुछ फ्रंटलाइन वर्कर्स घरेलू सहयोगी सेवाओं में सहायता करेंगे और रोगियों के डेटा, एन्ट्री और रिकॉर्ड को मेंटेन करेंगे।
- कोर्स यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उम्मीदवार स्वैब कलेक्शन, रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) सहित सैम्पल कलेक्शन में सहायता करें।
उम्मीदवारों को मिलने वाले लाभों में एक सरकारी प्रमाणन, वजीफा, 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, आवास और भोजन शामिल हैं। राज्यों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे उम्मीदवारों का टीकाकरण करवाएं, उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराएं और उनके लिए मूवमेंट पास की सुविधा दें। प्रशिक्षण के गुणवत्ता परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए, ट्रेनिंगसेंटर (टीसी) सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता,प्रशिक्षण सामग्री की उपलब्धता, बैच अटेन्डेन्स और स्ट्रेन्थ सहित प्रशिक्षण की नियमितता, प्रशिक्षक योग्यता, ट्रेनिंग ऑफ़ ट्रेनर (टीओटी) प्रमाणी करण और अन्य चीज़ों पर पर विशेष ध्यान दिया जाना है।
यह पहल विभिन्न राज्यों और जिला प्रशासनों को कोविड के खिलाफ उनकी लड़ाई में मदद करेगी और डॉक्टरों और नर्सों के अत्यधिक काम के बोझ को कम करने में भी सहयोग करेगी।
इस पहल के बारे में बात करते हुए, माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री, डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेयजी ने कहा, “कौशल प्रशिक्षण में विशिष्ट गुणवत्ता लाने के लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने यह हस्तक्षेप किया है क्योंकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह हमारा प्रयास है कि देश में मौजूदा हेल्थकेयर सिस्टम को सपोर्ट दिया जाए जो अधिक से अधिक लोगों के जीवन को बचाने के लिए दिन-रात संघर्ष कर रहा है।
हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में, हमने कोविड–19 से लड़ने के लिए तैयार की गई इन विशिष्ट छह जॉब रोल्स की शुरुआत की है। यह निश्चित रूप से मौजूदा हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के बोझ को तेजी से सपोर्ट के साथ कम करेगा, क्योंकि कोविड संकट की भयावहता और मामलों की संख्या में वृद्धि ने हेल्थकेयर सेक्टर में कुशल कार्यबल की तत्काल आवश्यकता है। हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि न केवल वर्तमान समय में बल्कि भविष्य में भी कोविड-19महामारी का सामना करने के लिए देश की सुरक्षा और बेहतर तरीके से करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा किया जाए।