छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स), बिलासपुर में इस वर्ष शैक्षणिक क्षमता में बड़ा विस्तार हुआ है। पिछले वर्ष MD एवं MS की कुल 68 सीटें स्वीकृत थीं, जबकि इस बार 21 नई सीटों की वृद्धि के साथ कुल सीट संख्या बढ़कर 89 हो गई है। इन सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया वर्तमान में जारी है। यह वृद्धि प्रदेश के मेडिकल विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ( Medical Seat Increase ) उन्हें विशेषज्ञता प्राप्त करने के अधिक अवसर प्रदान करेगी।
सिम्स में नवीन MD कोर्सों की शुरुआत की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज हुई है। फिजियोलॉजी विभाग और टीबी एंड चेस्ट विभाग को 4–4 सीटों के साथ नए MD पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की मंज़ूरी दी गई है। राज्य शासन द्वारा इन दोनों विषयों के लिए Essentiality Certificate (अनिवार्यता प्रमाण पत्र) भी जारी कर दिया गया है, जिससे ( SIMS Bilaspur MD Courses ) अब औपचारिक रूप से शुरू किए जा सकेंगे।
टीबी एंड चेस्ट विभाग को पुनः मान्यता की राह
पूर्व में NMC ने टीबी एंड चेस्ट विभाग को मान्यता नहीं दी थी, क्योंकि तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रो. पुनीत भारद्वाज के निधन के बाद विभाग में प्रोफेसर-स्तर की फैकल्टी उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने NMC से पुनर्विचार हेतु आवेदन भेजा।
शासन ने शीघ्र निर्णय लेते हुए डॉ. प्रतीक कुमार को प्रोफेसर पद पर पदोन्नत कर दिया, जिससे विभाग फिर से NMC मानकों के अनुरूप हो गया। इसी आधार पर विभाग को आवश्यक अनिवार्यता प्रमाण पत्र मिल गया है और अब ( NMC Approval ) की अंतिम प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।
मेडिसिन विभाग में सीट बढ़ी
मेडिसिन विभाग में संचालित MD कोर्स की क्षमता भी बढ़ाई गई है। पहले यहां 8 सीटें स्वीकृत थीं, जिन्हें बढ़ाकर अब 13 सीटें कर दिया गया है। इस विभाग के लिए भी राज्य शासन ने अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। इससे संस्थान में चिकित्सकीय विशेषज्ञों की संख्या और बढ़ेगी।
विश्वविद्यालय एवं NMC की अंतिम प्रक्रिया शुरू
अब सिम्स प्रशासन आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में फिजियोलॉजी, टीबी एंड चेस्ट और मेडिसिन विभागों के पाठ्यक्रम संबद्धता हेतु आवेदन प्रस्तुत कर रहा है। विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त होने के बाद इन विषयों के लिए NMC (राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग) के समक्ष अंतिम अनुमोदन हेतु औपचारिक आवेदन भेजा जाएगा।
इस प्रक्रिया के पूरा होते ही ( Chhattisgarh Medical Education ) क्षेत्र में सिम्स की शैक्षणिक क्षमता और प्रतिष्ठा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इन नए कोर्सों और सीट वृद्धि से न केवल संस्थान की विशेषज्ञता प्रशिक्षण क्षमता बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश के मेडिकल विद्यार्थियों के लिए उच्च स्तरीय शिक्षा के अधिक अवसर भी उपलब्ध होंगे।

