नई दिल्ली/नवप्रदेश। Silent Pandemic : एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की एक और जानी-मानी हस्ती ने आत्महत्या कर ली है। ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ फेम एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर का शव उनके इंदौर स्थित घर से मिला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि उनकी मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
ऐसे ही कई आम से लेकर ख़ास लोग असमय ही मौत को गले लगा ले रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट बताती है कि देश भर की कुल आत्महत्याओं में से आधे से अधिक इन पांच राज्यों में हुई हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि देश भर की कुल आत्महत्याओं में से आधे से अधिक पांच राज्यों में हुई हैं। जिसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक शामिल (Silent Pandemic) है।
साइलेंट महामारी ‘सुसाइड’
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में हर रोज 450 लोगों ने आत्महत्या की थी।पूरे वर्ष में करीब 1,64,033 लोगों ने विभिन्न कारणों से जान दी। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 7.2 प्रतिशत अधिक है। आत्महत्या का दर भी 1967 के बाद सबसे अधिक दर्ज किया गया है। यही वजह है कि सुसाइड को साइलेंट महामारी कहा जाने लगा है। दुनिया भर में इसे एक बड़ी समस्या के रूप में रेखांकित किया जा रहा है।
NCRB की ताजा रिपोर्ट से ही पता चलता है कि साल 2021 में प्रोफेशनल या वेतन भोगी श्रेणी में आत्महत्या करने वालों की संख्या 15,870 थी। भारत में हर हफ्ते करियर या कार्यस्थल की समस्याओं के कारण 50 लोग आत्महत्या करते हैं। 2020 में इस तरह के कारणों से रिकॉर्ड 2,593 लोगों की मौत हुई थी। 2020 की तुलना में 2021 में इस कारण से 41% अधिक लोगों ने जान दी है।
आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र नंबर-1
भारत के जिन शीर्ष शहरों में लोग बेहतर नौकरी (Silent Pandemic) और संभावनाओं की तलाश में जा रहे हैं, आत्महत्या के सबसे अधिक मामले भी वहीं सामने आ रहे हैं। 2021 में दर्ज कुल सुसाइड के मामलों में से 35.5 प्रतिशत 53 मेगासिटी में सामने आए हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में उन शहरों को आत्महत्या का हॉटस्पॉट कहा जाने लगा है। आत्महत्या के मामले में राज्यों की सूची में महाराष्ट्र टॉप पर है।
इन पांच राज्यों में हुई सबसे ज्यादा आत्महत्या
राज्य | आत्महत्या करने वालों की संख्या |
महाराष्ट्र | 22,207 |
तमिलनाडु | 18,925 |
मध्य प्रदेश | 14,965 |
पश्चिम बंगाल | 13,500 |
कर्नाटक | 13,500 |