फिल्म निर्माण के नाम पर 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी (Vikram Bhatt Fraud Case) के चर्चित मामले में फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट (Shwetambari Bhatt) को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। 7 दिन की पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने के बाद दोनों आरोपितों को उदयपुर एसीजेएम कोर्ट-4 में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने का आदेश जारी किया गया।
पुलिस ने कोर्ट में जांच पूरी होने का हवाला देते हुए दोनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेजने की मांग की। वहीं, विक्रम भट्ट के वकील ने दंपती के स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए जमानत अर्जी दाखिल की। कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। मालूम हो कि उदयपुर एसीजेएम कोर्ट-4 ने 9 दिसंबर को विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था, जिसकी अवधि 16 दिसंबर को समाप्त हो गई।
राजस्थान हाई कोर्ट, जोधपुर की एकलपीठ ने मामले में सख्त रुख अपनाया था। कोर्ट के आदेश पर उदयपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव और एसपी योगेश गोयल वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया और जांच (Investigation) के संबंध में कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे और जवाब मांगे।
मामले की पूरी जानकारी के अनुसार राजस्थान के इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक डॉ. अजय ने विक्रम भट्ट से फिल्म निर्माण के लिए लगभग 42 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया था। इसके बाद धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए 17 नवंबर को उदयपुर में विक्रम भट्ट और अन्य 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
उदयपुर केंद्रीय जेल में विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को आम कैदियों की तरह रखा जाएगा। जेल अधीक्षक राजपाल सिंह ने बताया कि उन्हें सर्दी से बचाव के लिए तीन कंबल और एक दरी दी जाएगी, लेकिन कोई वीआईपी सुविधा नहीं मिलेगी। उन्हें जमीन पर सोना होगा और भोजन के लिए कैदियों की लाइन में लगना होगा। भूपालपुरा थाना पुलिस ने विक्रम भट्ट के मुंबई स्थित ऑफिस की जांच के दौरान 60 से अधिक ट्रंक सामान जब्त कर उदयपुर लाया है, जिसकी कीमत करोड़ों में है।

