-शाही ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से सर्वे रोकने की गुहार लगाई थी
नई दिल्ली। Shri Krishna Janmabhoomi case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी। अदालत शाही ईदगाह के सर्वेक्षण की निगरानी के लिए एक वकील, आयुक्त नियुक्त करने पर भी सहमत हुई। इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ शाही ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। इसे मुस्लिम पक्षकारों के लिए झटका माना जा रहा है।
उच्च न्यायालय में दायर आवेदन में कहा गया है कि शाही ईदगाह के परिसर में हिंदू मंदिरों के विशिष्ट कमल के आकार के स्तंभ मौजूद हैं और वहां हिंदू देवता ‘शेषनाग’ की एक छवि है। वकील विष्णु शंकर जैन ने यह भी कहा कि स्तंभ के आधार पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी देखी जा सकती है। शाही ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर सकते हैं। इस याचिका पर अब 9 जनवरी 2024 को सुनवाई होगी।
18 दिसंबर को सर्वेक्षण प्रक्रियाओं पर चर्चा
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि उक्त शाही ईदगाह कभी एक हिंदू मंदिर था। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने कहा कि अगली सुनवाई 18 दिसंबर को सर्वेक्षण प्रक्रियाओं पर चर्चा होगी। 18 दिसंबर को यह भी तय हो जाएगा कि एएसआई सर्वे कब होगा और इसमें कितने लोगों को शामिल किया जाएगा।
इस बीच शाही ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर जल्द सुनवाई की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफ़ा अहमदी, संजीव खन्ना और न्या. एसवीएन भाटी ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि यह आदेश गुरुवार को अचानक दिया गया। हाईकोर्ट ने कमिश्नर की नियुक्ति का निर्देश दिया। शाही ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सर्वे का तरीका तय करने के लिए 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल राहत नहीं दी।