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Shilpa Shetty Case : शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को हाईकोर्ट से राहत नहीं, 60 करोड़ जमा करने पर ही होगी सुनवाई

Shilpa Shetty Case

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Shilpa Shetty Case : बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान बड़ा बयान दिया। अदालत ने कहा कि अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा द्वारा विदेश यात्रा के लिए दायर याचिका पर तभी विचार किया जाएगा, जब वे (Shilpa Shetty Case) 60 करोड़ रुपये जमा करेंगे। यह आदेश उस धोखाधड़ी मामले से जुड़ा है जिसमें दोनों पर व्यापारी से करोड़ों की ठगी के आरोप हैं।

आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया हुआ है, जिसके कारण वे अदालत या जांच एजेंसी की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते। अभिनेत्री के वकील ने कोर्ट को बताया कि शिल्पा शेट्टी को एक यूट्यूब कार्यक्रम के लिए 25 से 29 अक्टूबर तक कोलंबो जाना है।

अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जब तक आरोपी दंपति 60 करोड़ रुपये की पूरी राशि जमा नहीं करते, तब तक उनकी विदेश यात्रा संबंधी (Shilpa Shetty Case) याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।

निवेश के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप

14 अगस्त को मुंबई के जुहू पुलिस स्टेशन में व्यापारी दीपक कोठारी ने FIR दर्ज कराई थी। उनका आरोप है कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने 2015 से 2023 के बीच उनकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में 60 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन इस रकम का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया गया। कोठारी का कहना है कि उन्हें झूठे वादों के ज़रिए निवेश कराया गया और बाद में धोखा दिया गया। इस (Shilpa Shetty Case) मामले में दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) सहित अन्य धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है।

कोर्ट ने कहा – “अवकाश यात्रा नहीं, पहले जमा करें राशि”

अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब तक पूरा 60 करोड़ रुपये जमा नहीं किया जाता, तब तक किसी भी तरह की अवकाश या व्यावसायिक यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि दंपति जांच में सहयोग कर रहे हैं, इसलिए (Shilpa Shetty Case) में अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के वकील ने कहा कि दोनों पूछताछ के दौरान जांच एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और सभी नोटिसों का जवाब दे चुके हैं। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि उनका सहयोग सराहनीय है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया से राहत तभी मिलेगी जब 60 करोड़ रुपये की राशि अदालत में जमा कराई जाएगी।

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