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Shashi Tharoor Modi Praise : थरूर की उड़ान पर कांग्रेस में तूफान…’पंख तुम्हारे हैं…मगर गगन शिकारीयों का है’…टैगोर की नई चेतावनी…!

नई दिल्ली, 27 जून| Shashi Tharoor Modi Praise : कांग्रेस पार्टी के भीतर इन दिनों संवाद नहीं, संकेतों और प्रतीकों की जंग छिड़ी हुई है। शशि थरूर की प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक प्रशंसा ने एक ऐसा वाक्य उछाला – “पंख तुम्हारे हैं, आकाश किसी का नहीं” – जिसने पार्टी के भीतर वैचारिक हलचल तेज़ कर दी। अब कांग्रेस के लोकसभा व्हिप मणिकम टैगोर ने भी उसी प्रतीक भाषा में जवाब दिया है, पर यह जवाब चुपचाप चेतावनी जैसा है।

बाज और गिद्ध शिकार पर रहते हैं” – टैगोर की पोस्ट ने मचाई हलचल

मणिकम टैगोर ने एक्स (Twitter) पर थरूर को बिना नाम लिए तंज कसते हुए लिखा:- “उड़ने की अनुमति मत मांगो… लेकिन याद रखो, स्वतंत्र पक्षी को भी आकाश देखने की ज़रूरत है, जहां शिकारी देशभक्ति को पंख की तरह पहनते हैं।” इसके साथ उन्होंने एक “शिकारी पक्षियों की चार्ट लिस्ट” भी साझा की, जिसमें ईगल, हॉक और आउल जैसे शिकारी पक्षी शामिल थे।

थरूर का संकेत – समर्थन मोदी को, असहमति कांग्रेस को?

थरूर ने हाल ही में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक छवि निर्माण की कोशिशें सराहनीय हैं और उन्हें सभी का समर्थन मिलना चाहिए। कांग्रेस इस बयान से असहज है, क्योंकि वह मोदी के विरोध की भूमिका में खुद को रखती आई है। खरगे का बयान – “कुछ लोगों के लिए मोदी पहले हैं, देश बाद में” – इसी असहमति का संकेत था।

थरूर की प्रतीकात्मक पोस्ट – पक्षी, पंख और पलटवार

थरूर ने अपनी ओर से कांग्रेस नेतृत्व को सीधी प्रतिक्रिया न देकर एक पक्षी की फोटो और कोड भाषा में पोस्ट साझा की थी:

“पंख तुम्हारे हैं, उड़ने की अनुमति मत मांगो… आसमान किसी की जागीर नहीं है।”

इसने न केवल राजनीतिक, बल्कि सांस्कृतिक और वैचारिक आज़ादी की बहस को भी जन्म दे दिया।

मामला क्या कहता है – पार्टी के भीतर विचारों की दरार या खुले मतभेद?

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कांग्रेस वैचारिक विविधता को स्थान देती है, या फिर हर अलग आवाज़ को “अनुशासनहीनता” का दर्जा दे देती है? क्या थरूर का पक्ष ‘राष्ट्रीयता’ के नए दृष्टिकोण की ओर इशारा कर रहा है, या यह एक व्यक्तिगत उड़ान है जो संगठनात्मक सीमाओं से ऊपर जाने की कोशिश कर रही है?

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