पितृ को अंतिम भोग लगाकर अब नवरात्र की तैयारियों में जुटे धर्मावलंबी, देवी दरबार, मंदिर, दुर्गा पंडाल सजकर तैयार
रायपुर/नवप्रदेश। Shardiya Navratri Starts From Tomorrow : कल से नवरात्रि का शुभारंभ है। राजधानी रायपुर समेत पुरे छत्तीसगढ़ के माता देवालय, दुर्गा समितियां माता के स्वागत की तैयारियों में रत हैं।
मंदिरों में भी भक्तों ने मनोकामना ज्योत प्रज्वलित करने की तैयारियां कर सिर्फ मुहूर्त की प्रतीक्षा में हैं।
अब प्रतीक्षा है मां भवानी के आगमन की। रविवार की सुबह आम के पत्ते तोड़े जायेंगे, जनेऊ बदली जायेगी, समस्त पूजन सामग्री सूची से मिलान कर के तैयार कर ली गई है।
कलश, जौ, घी, सुहाग का सामान, लाल कपड़ा, मौली, अखण्ड दीप की व्यवस्था, आरती की थाली तैयार की जाएगी।
मूर्तियां बनकर तैयार हैं, पंडाल सज गए हैं और मां जगदंबा के स्वागत में सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। सुबह विधिवत पूजा के बाद कलश स्थापना की जाएगी और नौ दिनों तक शक्ति की उपासना की जाएगी। माता के भक्त अपनी शक्ति अनुरूप व्रत भी रखेंगे।
बता दें भक्त निर्जला व्रत यानि पुरे 9 दिन बिना पानी-भोजन के भक्ति में लीन रहते हैं। कुछ तो नंगे पैर 9 दिन कठिन तप और उपवास करते हैं। बता दें कि भादो पूर्णिमा से शुरू हुआ सोलह दिनों का पितृ–पक्ष, आज अमावस्या के दिन पूरा होगा।
आज सुबह होम-हवन के बाद पूजन तर्पण यानि की पितर खेदने रस्म भी करके शुद्धिकरण कर चुके हैं। बता दें पितृ पक्ष में प्रयुक्त हो चुकी सामग्रियों और बचे भोग का विसर्जन कर दिया जाता है। साल भर पूजा में प्रयुक्त धूपावली का विसर्जन करते हैं।
जैसे पितरों को भोग, जल अर्पण के समय पहने जाने वाले कुश, आसन की पुनः शुद्धि होती है। पितरों के लिए डाले जाने वाले चौक पूरने का आटा नवरात्र में फिर से नया भरा जाता है। पूजा के बर्तन, फ्रिज, किचन साफ कर घर को शुद्ध करने की प्रथा है।