नई दिल्ली। President of india Election: देश के कुछ राज्यों के चुनावों में अब राजनीति में बड़े बदलाव दिखते नजर आ रहे है। आगामी विधानसभा चुनाव, राष्ट्रपति चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया है। चुनाव चाणक्य प्रशांत किशोर की कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहा है।
पश्चिम बंगाल में चुनावी सफलता के बाद प्रशांत किशोर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से तीन बार मुलाकात कर चुके हैं और तरह-तरह की दलीलें दे चुके हैं। पवार से मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने तुरंत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की जिससे देश की राजनीति में शरद पवार के नाम की चर्चा शुरू हो गई है।
प्रशांत किशोर ने राष्ट्रपति पद (President of india Election) के लिए शरद पवार को मैदान में उतारा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो रहा है। इससे अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होंगे। इसके लिए प्रशांत किशोर ने विपक्ष को मजबूत करने के लिए शरद पवार का नाम सामने रखा है।
प्रशांत किशोर के सियासी गणित के मुताबिक अगर विपक्ष साथ आता है तो इलेक्टोरल कॉलेज को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ बड़ी ताकत होगी। बीजद के नए पटनायक अगर इन विरोधियों के साथ आते हैं तो यह लक्ष्य और भी आसान हो जाएगा।
इसका मुख्य कारण यह है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में विपक्ष सत्ता में है। इससे यहां और वोट मिलने की उम्मीद है। ओडिशा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पटनायक विपक्ष के हाथों में नहीं पड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने पटनायक और एमके स्टालिन से इस मुद्दे पर चर्चा की है।