Shala Tyagi Children Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सरकार सख्त है और उसी के तहत अब शाला त्यागी और अप्रवेशी बच्चों के स्कूलों में पुनः नामांकन को लेकर लापरवाही बरतने पर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सामने आई है। सुकमा जिले के 23 संकुल समन्वयकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिन पर समय रहते बच्चों के प्रवेश की जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही का आरोप है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी आश्रमों और विद्यालयों में 6 से 14 वर्ष की आयु वाले हर बच्चे का नामांकन सुनिश्चित किया जाए। इसके तहत शाला त्यागी बच्चों को दोबारा स्कूल में जोड़ना प्रशासन की प्राथमिकता में है।
कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान जब यह पाया गया कि कई संकुल समन्वयकों(Shala Tyagi Children Chhattisgarh) ने दिए गए लक्ष्यों को गंभीरता से नहीं लिया, तो उन पर तीन दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश दे दिया गया। यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तो संबंधितों पर एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
जिन अधिकारियों को नोटिस मिला है, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
मनोज कुमार साहू (एलमागुण्डा), सालिक राम बंजारे (गुफडी), रघुवीर नेताम (कस्तरी), दुष्यंत दाउ (लेदा), नरेंद्र राणा (गुडरा), महादेव बघेल (सामसट्टी), मानदाता पटेल (मिसमा), रामलाल मरकाम (हमीरगढ़) सहित अन्य।
इसके अलावा,
तुलाराम मंडावी (तालनार), प्रवीण मिश्रा (पेरमारास), रामकुमार वादेकर (किंदरवाडा), पुनित राम सिंन्हा (पेन्टा), हेमंतदास मानिकपुरी (पोलमपल्ली) और
रामनारायण दुग्गे (सगुनघाट), लालसिंह नायक (दुब्बाटोटा), महेंद्र नाग (कुन्ना), दुलेश्वर कोर्राम (भेज्जी), शेख अब्दुल मतीन (मुलाकिसोली), मंजीत मिंज (पोन्दुम), निखिल चंद्र सुना (गोंदपल्ली) को भी नोटिस भेजा गया है।
कलेक्टर ध्रुव ने स्पष्ट किया कि – “बच्चों के भविष्य(Shala Tyagi Children Chhattisgarh) से जुड़ी जिम्मेदारियों में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शत-प्रतिशत नामांकन, पुनःप्रवेश और सतत् शिक्षण सुनिश्चित करना संकुल समन्वयकों की मूलभूत जिम्मेदारी है।”