बाल संरक्षण आयोग ने मांगी रिपोर्ट, चरित्र सत्यापन के बाद मिलेगी नियुक्ति
रायपुर/नवप्रदेश। Sexual Harassment : छत्तीसगढ़ के जशपुर स्थित दिव्यांग केंद्र में मूक-बधिर बच्चियों के यौन उत्पीडऩ और दुष्कर्म की घटना की चारों ओर भारी आलोचना हो रही है। ऐसे में जिला प्रशासन ने अब एक सख्त निर्णय लिया। जिला प्रशासन ने अब सभी बालिका छात्रावासों और आश्रमों की सुरक्षा के लिए महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने का आदेश दिया है।
इसके लिए कलेक्टर महादेव कावरे ने सोमवार को अलग-अलग विभागों के अफसरों की बैठक ली थी। उस दौरान यह भी तय हुआ कि हॉस्टल में बच्चियों की सुरक्षा से लेकर उनकी पढ़ाई की निगरानी के लिए व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया जाएगा। कलेक्टर महादेव कावरे ने उक्त आशय के आदेश जारी किए हैं।
पहले चरित्र सत्यापन उसके बाद मिलेगी नियुक्ति
कलेक्टर ने छात्रावास-आश्रमों पर विशेष निगरानी रखने के साथ ही उनके निरीक्षण के लिए अफसरों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी कन्या छात्रावासों में अधीक्षक, रसोइया, चपरासी और स्वीपर महिला कर्मचारी होंगे। चरित्र सत्यापन के बाद ही नियुक्ति मिलेगी। बाहर बोर्ड पर नियम और निर्देश लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
पुरुषों के प्रवेश पर रोक, उल्लंघन पर होगी एफआईआर
कन्या छात्रावासों में यौन उत्पिडऩ (Sexual Harassmen) की घटना को लेकर अब पुरुषों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधीक्षिका भी अपने छोटे बच्चों को छोड़कर परिवार के किसी भी पुरुष सदस्य को वहां नहीं रख सकेंगी। उन्हें अनिवार्य रूप से हॉस्टल में रहना होगा। पति भी हॉस्टल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। जनप्रतिनिधि, अधिकारियों को अधीक्षिका से अनुमति लेनी होगी। शाम 5 बजे के बाद किसी का भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर एफआईआर और निलंबन होगा।
शिक्षा के स्तर की निगरानी करेगा शिक्षा विभाग
कलेक्टर ने हॉस्टल और आश्रमों में पढ़ाई के स्तर को लेकर शिक्षा विभाग को निगरानी (Sexual Harassmen) के निर्देश दिए हैं। वह बीच-बीच में बच्चों से इसकी जानकारी लेंगे। जिला स्तर पर आश्रमों-छात्रावासों में निगरानी रखने के लिए महिला अधिकारियों की टीम गठित की गई है। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित व्यक्तियों पर एफआईआर के साथ सख्त कार्यवाही की जाएगी। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। आने-जाने वालों की रजिस्टर में एंट्री की जाएगी।
आयोग ने पीड़ित बच्चों की काउंसलिंग के दिए निर्देश
इस मामले में बाल संरक्षण आयोग ने जिला कलेक्टर से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इस संबंध में आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने फोन पर कलेक्टर से बात की। उन्होंने पीडि़त बच्चों की काउंसलिंग कराने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि किसी भी हालत में पीडि़त बालिका या संस्था की पहचान उजागर न हो। उन्होंने मीडिया संस्थानों से इस प्रकार की घटनाओं में किसी भी स्थिति में स्थान, नाम या पहचान उजागर नहीं करने की अपील की है।
राज्य सरकार ने कलेक्टर को हटाया
कलेक्टर की इस मीटिंग और आदेश के थोड़ी देर बाद राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी कर उन्हें हटा दिया। उन्हें वहां से हटाकर मंत्रालय बुला लिया गया है। अब वह जल संसाधन विभाग के विशेष सचिव की जिम्मेदारी संभालेंगे। 2008 बैच के आईएएस महादेव कावड़े की जगह 2012 बैच के रितेश कुमार अग्रवाल को जशपुर का कलेक्टर बनाया जा रहा है।