-नीतीश कुमार की पार्टी ने एक अपनाया अलग रुख
पटना। Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में राम मंदिर में रामलला प्राणप्रतिष्ठा समारोह की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत करीब 7 से 8 हजार गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि विपक्ष राम मंदिर के साथ-साथ निमंत्रण को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना करता नजर आ रहा है।
राम मंदिर समारोह में जाएं या नहीं, इस पर विपक्ष की इंडिया गठबंधन में असमंजस की स्थिति है। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जयदू पार्टी के मंत्रियों ने अलग रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर उन्हें बुलाया जाएगा तो वे राम मंदिर समारोह में जाएंगे।
इस पर टिप्पणी करते हुए जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर का निर्माण किसी राजनीतिक दल ने नहीं कराया है। आमंत्रित समारोह में शामिल होने के लिए पार्टी की ओर से एक प्रतिनिधि भेजने में कोई दिक्कत नहीं है।
भगवान श्री राम सबके हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। केसी त्यागी ने कहा है कि अगर हमें अयोध्या मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिलता है, तो हम निश्चित रूप से किसी को इसमें शामिल होने के लिए भेजेंगे।
कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने पर भी हम कोर्ट का आदेश मानेंगे। अब जब मामला सुलझ गया है तो हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि मंदिर बन गया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि 22 जनवरी को कौन अयोध्या जाता है। केसी त्यागी ने बताया कि अगर कोई निमंत्रण नहीं है तो हम अपने समय के अनुसार वहां जाएंगे।
हमने लगातार कहा है कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। आश्चर्य होता है कि अयोध्या मंदिर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। अब समय आ गया है कि भाजपा को मंदिर और धर्म को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए।