-सेनगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए सपा ने संविधान स्थापित करने की मांग की
नई दिल्ली। demand to remove Sengol from Parliament: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद का पहला सत्र चल रहा है। नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों के शपथ ग्रहण और अध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इसके बाद सेनगोल के संसद में स्थापित होने पर राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दलों ने संसद भवन में स्पीकर की सीट के पास लगे सेनगोल को हटाने की मांग की है। सेनगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे हटाकर इसके स्थान पर संविधान स्थापित करने की मांग की है।
इस संबंध में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद आरके चौधरी ने कहा ‘संविधान महत्वपूर्ण है, यह लोकतंत्र का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (demand to remove Sengol from Parliament) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में संसद में ‘सेनगोल’ की स्थापना की है। इसका अर्थ है ‘राजदंड’, जिसका अर्थ है ‘राजा का शासन। राजशाही के अंत के बाद देश स्वतंत्र हो गया। मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेनगोल को संसद से हटा दिया जाए।
अखिलेश यादव ने क्या कहा? –
आरके चौधरी के बयान पर टिप्पणी करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने कहा जब सेनगोल का गठन हुआ, तो प्रधानमंत्री उनके सामने झुक गए। हो सकता है कि वह शपथ लेते समय यह भूल गए हों। इसलिए मुझे लगता है कि मेरी पार्टी ने उन्हें याद दिलाने के लिए ऐसा कहा होगा।
मुझे लगता है अगर प्रधानमंत्री खुद उस वायरस को भूल गए हैं जिसने उनके सामने घुटने टेक दिए, तो शायद वे कुछ और भी चाहते होंगे। अखिलेश के बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि संविधान महत्वपूर्ण है। इसमें कहा गया हम इंडिया ब्लॉक में इस पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस-आरजेडी भी समाजवादी पार्टी को समर्थन –
इस मुद्दे पर कांग्रेस और राजद ने भी समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा ‘बीजेपी ने अपने दिल में आग लगा ली है। सपा की मांग सही है। हॉल सभी को साथ लेकर चलता है। कहा कि भाजपा सिर्फ मनमानी करती है। वहीं राजद नेता मीसा भारती ने कहा कि सेनगोल को हटाया जाना चाहिए, यह लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं। सेनगोल को संग्रहालय में लगाया जाना चाहिए। यह राजसत्ता का प्रतीक है। इससे सेनगोल को हटा देना चाहिए।
बीजेपी का जवाब-
आरके चौधरी के बयान पर बीजेपी के लोकसभा सांसद खगेन मुर्मू ने कहा इन लोगों के पास करने को और कुछ नहीं है। उन्होंने संविधान को लेकर लोगों में गलतफहमी फैलायी। ये लोग संविधान (demand to remove Sengol from Parliament) का सम्मान नहीं करते। इसके विपरीत मोदी जी संविधान का अधिक सम्मान करते हैं। सांसद महेश जेठमलानी ने कहा सेनगोल देश का प्रतीक है। सेनगोल की स्थापना हुई। अब इसे कोई नहीं हटा सकता।
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा ये लोग ऐसे ही सारे काम करते हैं। यह देश का सबसे बड़ा सदन है। ये लोग चर्चा में रहने के लिए ऐसी बातें करते हैं। हम सभी संविधान का सम्मान करते हैं। संविधान पर अकेले समाजवादी पार्टी ने हस्ताक्षर नहीं किये है।