इसरो साइंटिस्ट वलारमथी पहले रडार सैटेलाइट की प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहीं, 39 साल से ISRO से जुड़ी थीं
नवप्रदेश डेस्क। Scientist Of Chandrayaan-3 Passed Away : देश के गौरवशाली चंद्रयान मिशन में उड़ान के लिए उलटी गिनती को अपनी आवाज़ देने वाली अब नहीं रहीं। इसरो साइंटिस्ट वलारमथी ने आखिरी बार 14 जुलाई को चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग काउंटडाउन को अपनी आवाज दी थी। वो 64 साल की थीं।
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। रॉकेट फायर करने से पहले उलटी गिनती को ही काउंटडाउन कहा जाता है। चंद्रयान 3 के लॉन्च काउंटडाउन को आवाज देने वाली इसरो साइंटिस्ट वलारमथी का शनिवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया।
वह भारत के पहले रडार इमेजिंग सैटेलाइट RISAT-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रह चुकी थीं। वलारमथी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में रेंज ऑपरेशंस प्रोग्राम कार्यालय का हिस्सा थीं।
जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु के अरियालुर में रहने वाली वलारमथी का जन्म 31 जुलाई, 1959 को हुआ था। उन्होंने कोयंबटूर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया।
वे 1984 में ISOR में शामिल हुई थीं। भारत के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RIS) और देश के दूसरे उपग्रह RISAT-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थीं। 2015 में, वे अब्दुल कलाम पुरस्कार पाने वाली फर्स्ट पर्सन बनीं। तमिलनाडु सरकार ने 2015 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के सम्मान में यह पुरस्कार शुरू किया था।