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BIG BREAKING : SC-ST को पदोन्नति में आरक्षण के लिए सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम, 2017 में ऐसे हुआ था अन्याय…

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मुंबई/नवप्रदेश । अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों (sc st employee for reservation in promotion) को पदोन्नति में आरक्षण (reservation in promotion for sc st employees) के लिए छत्तीसगढ़ समेत देश के तमाम राज्यों में लड़ाई लड़ी जा रही है।

महाराष्ट्र (maharashtra reservation in promotion) समेत कुछ अन्य राज्यों के संगठनों की ओर से इस संबंध की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने एससी एसटी के अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दमदार वकील नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

बीते दिनों महाराष्ट्र (maharashtrs reservation in promotion)  मंत्रिमंडल  की बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह फैसला लिया है। महाराष्ट्र के ऊर्जामंत्री डॉ.  नितिन राऊत ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि एससी-एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा काफी दिनों से लंबित है। और अब यह कोर्ट में विचाराधीन है।  

2017 में भाजपा शासन ने सिर्फ ओपन कैटेगरी  वालों को दी नौकरी : राऊत

मंत्री राऊत ने बताया कि महाराष्ट्र में एससी-एसटी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने आरक्षण को रद्द कर दिया था। जिसके बाद महाराष्ट्र के पिछड़े वर्गों के संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें लागू की। लेकिन इस बीच वर्ष 2017 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने जीआर जारी कर सिर्फ ओपन कैटेगरी के अधिकारी व कर्मचारियों  को पदोन्नति दी।

उस समय पिछड़ा वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों की तुलना में वरिष्ठ होने के बावजूद भी एससी-एसटी के कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं मिल सकी । डॉ. राऊत के मुताबिक, तब मैट व सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि इस मामले का फैसला आने तक ओपन कैटेगरी में उलब्ध जगहों में से पिछड़ा वर्ग वालों को पदोन्नति दी जाए। लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया। लेकिन अब कैबिनेट की बैठक में ये मुद्दा रखा गया है।

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