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SBI Research Report : पहली तिमाही में 6.8-7% रह सकती है भारत की विकास दर – एसबीआई रिसर्च

SBI Research Report

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उच्च विवेकाधीन खर्च और मांग आधारित ग्रोथ से मिली रफ्तार

SBI Research Report : भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.8% से 7% की मजबूत विकास दर हासिल कर सकती है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, इस ग्रोथ का बड़ा कारण उच्च विवेकाधीन खर्च (discretionary spending) है, जिसने देश में मांग आधारित विकास को गति दी है।

जीडीपी-जीवीए का अनुमान

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) : 6.8%-7%

सकल मूल्य वर्धित (GVA) : 6.5%

गौरतलब है कि GDP किसी देश में एक अवधि में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का बाजार मूल्य है, जबकि GVA किसी खास सेक्टर या उद्योग की उत्पादन(SBI Research Report) क्षमता को दर्शाता है।

वास्तविक और नाममात्र ग्रोथ का अंतर घटा

रिपोर्ट बताती है कि इस बार वास्तविक (Real) और नाममात्र (Nominal) ग्रोथ के बीच का अंतर काफी कम होगा।

वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में यह अंतर 12% था।

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक घटकर 3.4 प्रतिशत अंक रह गया।

एसबीआई रिसर्च का कहना है कि यह घटता अंतर विकास की वास्तविक मंदी को छिपा सकता है। ताजा अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में नाममात्र जीडीपी(SBI Research Report) लगभग 8% तक रह सकती है।

उद्योग और कॉरपोरेट प्रदर्शन

लगभग 4300 सूचीबद्ध कंपनियों ने पहली तिमाही में 4.7% राजस्व वृद्धि और 6.7% एबिटा (EBITDA) ग्रोथ दर्ज की। पिछली तिमाही में EBITDA वृद्धि 11% थी।

चुनौतियां और संभावनाएं

भारतीय निर्यात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ के कारण आने वाली दो तिमाहियों में आय का दृष्टिकोण नकारात्मक रह सकता है। हालांकि, जीएसटी सुधारों और उपभोग केंद्रित सेक्टर(SBI Research Report) की मजबूती से इस असर को कम करने की उम्मीद है।

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