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सौम्या चौरसिया को मिली जमानत, लेकिन मुश्किलें कम नहीं

सौम्या चौरसिया को बड़ी राहत, मिली कोर्ट से जमानत

रायपुर। Saumya Chaurasia एसीबी/ईओडब्लू कोर्ट में न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी के समक्ष सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता फैजल रिज़वी ने मंगलवार 7 जनवरी को जमानत आवेदन पेश किया था। सात जनवरी,इस मामले में 61वां दिन था। अधिवक्ता फैजल रिजवी के आवेदन में यह उल्लेख था कि, नियत समयावधि साठ दिन हो चुके हैं, और चालान पेश नहीं हुआ है इसलिए जमानत दी जाए। इस आवेदन के बाद एसीबी/ईओडब्लू की ओर से आवेदन देकर बहस के लिए आज का समय मांगा गया। एसीबी की ओर से श्लोक श्रीवास्तव और मिथिलेश वर्मा ने यह तर्क दिया कि, एसीबी के प्रकरण में चार्जशीट दाखिल करने की मियाद 60 दिन बल्कि 90 दिन है। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत के साथ यह तर्क किया कि, चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 60 दिन है। बचाव पक्ष की ओर से बीएनएसएस 187(3) का उल्लेख करते हुए न्यायालय से अनुरोध किया कि, इसमें भी साठ दिवस की अवधि निर्धारित है।þ

अदालत ने दी ज़मानत लेकिन जेल में रहेंगी सौम्या

रायपुर की विशेष अदालत (एसीबी/ईओडब्लू) ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिज़वी के तर्कों से सहमत होते हुए सौम्या चौरसिया को ज़मानत दे दी। ईडी के कोल लेवी स्कैम में सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से पूर्व में जमानत मिल चुकी है,आय से अधिक संपत्ति मामले में भी उन्हें रायपुर अदालत से ही ज़मानत मिल गई है। लेकिन सौम्या चौरसिया अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी क्योंकि उनके विरुद्ध एसीबी/इओडब्लू ने कोल लेवी केस में केस दर्ज कर रखा है, और इस प्रकरण में उन्हें जमानत नहीं मिल सकी है।

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