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Sarkheguda : लाल आतंक के साये से दूर रखने महत्वूपर्ण पहल, हुआ शुभारंभ

Open theater sakeguda

Open theater

सरकेगुड़ा में ग्रामीणों के लिये ओपन थियेटर का शुभारंभ
-नक्सली साये से दूर रखने की दिशा में जिला पुलिस बल एवं केरिपु की पहल
-ओपन थियेटर के माध्यम से रोजना ग्रामीणों को विकासपरक एवं देशभक्ति फिल्मे दिखाई जायेंगी

राजेश झाड़ी

बीजापुर/नवप्रदेश। लाल आतंक (Red terror) के साये दूर रहने के लिए जिला पुलिस बल (District Police Force) एवं केरिपु बल (kendriya reserve police bal) ने सारकेगुड़ा (sarkheguda) में महत्वपूर्ण पहल का शुभारंभ किया। जिला पुलिस बल एवं केरिपु 168 के संयुक्त प्रयास से सारकेगुड़ा के आसपास के ग्रामीणां को जागरूक करने एवं विकास की तस्वीर को आम जनता के सामने रखने के लिये एक अभिनव प्रयास किया गया है।

kendriya reserve police bal

जिसके तहत् सारकेगुड़ा कैम्प (sarkheguda camp) के समीप ही ग्रामीणों (villagers) के लिये ओपन थिएटर (Open theater) बनाया गया है। उप महानिरीक्षक केरिपु बल कोमल सिंह, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल एवं कमांडेंट केरिपु 168 बटालियन विनय कुमार चौधरी के द्वारा किया गया। ओपन थियेटर के माध्यम से रोजना ग्रामीणों को विकासपरक एवं देशभक्ति फिल्मे दिखाई जायेंगी।

इस ओपन थियेटर (Open theater) में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजनाओं की जानकारी भी टेलीफिल्म एवं डक्यूमेंट्री फिल्मों के माध्यम से ग्रामीणो को दिखाई जायेगी। क्षेत्र के विकास के लिये सड़के आवश्यक है क्षेत्र में कराये जा रहे विकास कार्यो में सहभागिता निभाने के लिये ग्रामीणों को जागरूक करने एवं लाल आतंक के साये से दूर रखने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल जिला पुलिस बल एवं केरिपु के द्वारा किया गया है।

Open theater sakeguda

ओपन थियेटर (Open theater) के उद्घाटन में स्थानीय स्कूली बच्चों के द्वारा रंगारंग प्रस्तुती दी गई एवं महिलाओं के लिये रस्साकसी का आयोजन रखा गया। बच्चों एवं रस्साकसी में विजेता टीम को पुरूस्कृत किया गया। कार्यक्रम में ग्राम सारकेगुड़ा, राजपेंटा, कोत्तागुड़ा, बासागुड़ा, लिंगागिरी, कोरसागुड़ा के लगभग 500 ग्रामीणा शामिल हुये। सभी को भोजन कराया गया।

केरिपु बल की चिकित्सा टीम द्वारा ग्रामीणों का उपचार भी किया गया। इस पूरे आयोजन से क्षेत्र के ग्रामवासी अति उत्साहित नजर आये, ग्रामीणों एंव स्कूली बच्चों के चेहरे खिले हुये थे।

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