-दो अभिनेत्रियों को समर्थन लेकिन हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले पर चुप्पी को लेकर लिया आड़े हाथों
मुंबई /ए.। शिवसेना नेता संजय राऊत (sanjay raut criticize ramdas athwale) ने आरपीआई (ए) नेता व केंद्रीयमंत्री रामदास आठवले को खरी-खरी सुनाई है। दरअसल राऊत ने बीते दिनों दो अभिनेत्रियों को दिए गए उनके समर्थन लेकिन हाथरस सामूहिक दुष्कर्म (hathras gang rape) व हत्या मामले में उनकी चुप्पी को लेकर उन पर निशाना साधा है। राऊत ने आठवले के इस आचरण को दलित आंदोलन व आंबेडकर के विचारों पर कुठाराघात बताया है।
‘जब दलित युवती पर हुआ अत्याचार तब आयुष्मान आठवले…’
राऊत (sanjay raut criticize ramdas athwale) ने कहा कि रामदास आठवले वर्तमान में हंसी विषय साबित हो रहे हैं । उन्होंने कंगना रनौत (kangna ranaut) के घर जाकर उनसे मुलाकात की। उनके कार्यकर्ता पहले कंगना रनौत (kangna ranaut) के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचे। राऊत ने आगे कहा कि अभिनेत्री पायल घोष के साथ वे राज्यपाल से मिले।
लेकिन हाथरस की एक दिलत लड़की जब मौत से जूझ रही थी, उस पर अत्याचार हुआ तब आयुष्मान आठवले अभिनेत्रियों के साथ थे। देश के दलित आंदोलन, आंबेडकर के विचारों पर यह कुठाराघात है । राऊत ने आगे सवालिया लहजे में कहा- ‘2012 में दिल्ली में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आई थी तब संपूर्ण भाजपा सड़क पर थी । संसद ठप हो गई थी। मीडिया ने निर्भया के लिए ‘न्याय’ देने वाला सिस्टम खड़ा किया था। निर्भया तब सभी की बहन व बेटी बनी। फिर हाथरस की लड़की ‘अस्पृश्य’ क्यों रही ? कि वह दलित होने के कारण न्याय से वंचित रही?
गैरकानूनी ढंस से बने ऑफिस तोड़ने पर न्याय की बात लेकिन गैरकानूनी ढंग से चिता जलाने पर ठंडे : राऊत
हाथरस सामूहिक दुष्कर्म (hathras gang rape) मामले राऊत ने आगे कहा कि एक अभिनेत्री द्वारा गैरकानूनी ढंग से बनाए गए ऑफिस तोड़ने पर जिन्हें न्याय, अन्याय, महिलाओं पर अत्याचार की हिचकियां लगी थी, वे सभी लोग पीड़िता की चिता को गैरकानूनी ढंग से जलाने पर ठंडे हैं। बेटी बचाओ वालों के रामराज्य में एक बेटी ने बचाओ… बचाओ… करते हुए दम तोड़ दिया। पीड़िता को न्याय दिलाने के उद्देश्य से किसी ने सुशांत मामले की तरह आंदोलन नहीं चलाया।