-पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछार का किया इस्तेमाल
शिमला। Sanjauli Mosque dispute: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध संजौली मस्जिद मामले को लेकर आज (11) हिंदू संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। हिंदू संगठन अवैध निर्माण तोडऩे की मांग कर रहे हैं। इससे काफी तनाव पैदा हो गया है। शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ हिंदू संगठनों ने बुधवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस पृष्ठभूमि में पुलिस ने संजौली से ढली तक सड़क बंद कर दी। हालांकि इस बार प्रदर्शनकारियों का विरोध बढ़ गया। जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़े तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। खबर है कि इस बार कई लोग घायल हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला पुलिस ने संजौली (Sanjauli Mosque dispute) क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। आंदोलन का समय 11 बजे तय किया गया। हालांकि पुलिस ने संजौली से कुछ दुकानें और अन्य लोगों को हटा दिया। इसी बीच हिंदू नेता कमल गौतम संजौली चौक पर पहुंच गए। उस वक्त पुलिस ने उन्हें समर्थकों समेत हिरासत में ले लिया था।
इसके बाद पुलिस द्वारा ढली की तरफ की दोनों सुरंगों को बंद करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने ढली भाजी मंडई में सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी आगे बढ़े और बाद में बैरिकेड तोड़ दिए। प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ गए। हालांकि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछार का सहारा लिया।
संजौली में प्रदर्शनकारी मस्जिद (Sanjauli Mosque dispute) से कुछ दूरी पर पहुंच गए। तभी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। साथ ही पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया गया है। हालांकि लोग पानी से बचने के लिए छाता लेकर मौके पर पहुंच गए हैं। भीड़ बेकाबू होती जा रही है। इसलिए अतिरिक्त पुलिस बल भी मंगाया गया है। शुरुआत में करीब 1000 पुलिस बल तैनात किया गया था। लेकिन पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने में नाकाम रही।
उधर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि लोगों को शांतिपूर्वक विरोध करना चाहिए। कानून अपना काम कर रहा है। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बीच यह पहचान की लड़ाई है और इसीलिए संजौली के सभी लोग यहां आए हैं। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा यह कोई हिंदू-मुस्लिम विवाद नहीं है। इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा हमें शांतिपूर्वक विरोध करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।