Sangrahani: आहार में परिवर्तन, आंतों की जलन तथा विषाक्त भोजन आदि इन रोग के प्रमुख कारण हैं। लम्बे समय तक अतिसार रहने की स्थिति में रोगी बहुत दुर्बल हो जाता है। शरीर में जल की कमी हो जाती है।
Sangrahani: संग्रहणी का उपचार
सूखे आंवलों को भिगोकर नरम करें और पीसकर चटनी बना लें। (Sangrahani) इसमें काला नमक मिलाकर छोटे बेर जितने आकार की गोलियां बना लें तथा इन गोलियों को छाया में सुखा लें।
दोनों समय भोजन के 20-25 मिनट बाद एक-एक गोली का सेवन करते रहने से कुछ ही दिनों में रोग से राहत मिलती है। इस रोग के उपचार में आंवला बहुत उपयोगी है।
Sangrahani सूखे आंवलों को रात भर पानी में भिगोकर प्रातः उसी पानी को छानकर उसमें नीबू का रस तथा मिश्री मिलाकर, प्रातः तथा सायं पीते रहना चाहिए।
- Sangrahani: भंयकर प्रकार के दस्तों में आराम मिलता है। सेब को भाप में पकाकर उसका गूदा खाने से भी इस रोग में आराम पहुंचता है।
- -जामुन की गुठली का चूर्ण 5 से 10 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ मिलाकर सेवन करने से इस रोग में आराम मिलता है।
- – आंवले के पत्तों को पीसकर चटनी बनाएं, शहद के साथ इसका सेवन करने से दस्त में लाभ होता है।
यह उपचार इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपाय करें ।