गरियाबंद/नवप्रदेश। Chhattisgarh Gariaband accident PreBed exam student reached injured center: व्यापम का आज प्रदेश में बीएड का एग्जाम था। इसी के तहत गरियाबंद के कन्या शाला में भी बीएड परीक्षा का केंद्र बनाया गया था। जहां पहुंची एक परीक्षार्थी की हालत को देख सब ठिठक गए। बिना चप्पल.. आंख-चेहरा और पैर में टांकों के साथ खून के धब्बे.. दर्द से राहत पाने दो इंजेक्शन.. फिर भी लक्ष्य पाने का अवसर जो किसी भी हालत में नहीं खो जाए.. बस यही जज्बे ने परीक्षा में बैठने का अवसर दे दिया।
इस दौरान हर किसी की नजर खून से लथपथ उस छात्रा पर थी जो घायल अवस्था में परीक्षा दिलाने केंद्र पहुंची थी… जी हां.. हम बात कर रहे हैं (Chhattisgarh Gariaband accident PreBed exam student reached injured center) बीएड की परीक्षा में शामिल होने पहुंची छात्रा नेहा सेन की.. दुर्घटना में उनका पूरा शरीर दर्द से कराह रहा था.. खून से लथपथ नेहा को देखकर हर कोई ठिठक सा जा रहा था।
एग्जाम सेंटर प्रभारी को नेहा ने जब अपने इस हालत के बारे में पूरी जानकारी दी तो केंद्र में ड्यूटी पर रहे कर्मचारियों ने भी उसकी हिम्मत को सलाम करते हुए पूरा सहयोग किया। नेहा ने घायल अवस्था में ही 6 घण्टे के अंतराल में होने वाले प्री बीएड और प्री डीएड का एग्जाम दिलाया।
बस चालक ने पिता-पुत्री की बाइक को पीछे से ठोक दिया
बता दें कि आज रविवार की सुबह (Chhattisgarh Gariaband accident PreBed exam student reached injured center) राजिम के कौंदकेरा के योगेश्वर सेन अपनी पुत्री नेहा सेन को प्रीबीएड और प्रीडीएड का एग्जाम दिलाने के लिए अपने गांव कौंदकेरा से मोटरसाइकिल से निकले थे। इस दौरान गरियाबंद से 12 किलोमीटर पहले नेशनल हाईवे पर ग्राम बारूका के पास पीछे से आ रही मां शारदा बस के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए पिता-पुत्री की बाइक को ठोकर मार दिया और मौके से फरार हो गया। इस दौरान गरियाबंद से रायपुर की ओर जा रहे गरियाबंद निवासी आशीष शर्मा, सुनील यादव और प्रशांत मानिकपुरी ने मिलकर घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था कराई। 108 के माध्यम से जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
पिता का पैर फ्रैक्चर.. पर घायल पुत्री की परीक्षा देने की जिद
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान पता चला कि नेहा के पिता का पांव फ्रैक्चर हो चुका है। उनके चेहरे में भी गंभीर चोटें आई हैं जिसकी वजह से वह चल नहीं पा रहे हैं। वहीं पुत्री नेहा भी घायल थी। उसके चेहरे और पांव में चार टांके लगाए गए थे। उसके बाद भी नेहा किसी भी हालत में एग्जाम दिलाने की जिद पर अड़ी रही। चूंकि एग्जाम सुबह 10 बजे से था और छात्रा को जिला अस्पताल में इलाज कराते 9.50 बज चुके थे।
नेहा ने जिद की और पुलिस ने पहुंचाया परीक्षा केंद्र
परीक्षा साल में एक बार होती है। ऐसे में महत्वपूर्ण अवसर निकल जाता, दिमाग में आगे बढ़ने का जज्बा था, छात्रा नेहा ने हिम्मत जुटाई और अवसर निकलने से पहले परीक्षा शुरू होने में 10 मिनट बाकी था कि नेहा ने जिद की कि मुझे हर हाल में परीक्षा केंद्र पहुंचना है। नेहा की हिम्मत को देखते हुए पुलिस विभाग के स्टाफ ने मानवता का परिचय दिया और उसके प्रारंभिक इलाज के बाद उसे पीसीआर वाहन में बिठाकर कन्या शाला एग्जाम सेंटर छोड़ा।
कचनाधुर्वा मोड़ के पास हुई दुर्घटना
घायल नेहा के पिता योगेश्वर सेन ने बताया कि उसके एग्जाम के लिए हम सुबह घर से निकले थे। इस दौरान ग्राम बारूका के पास कचनाधुर्वा मंदिर से थोड़ा आगे जाने पर पीछे की ओर से आ रही मां शारदा ट्रैवल्स की बस के चालक ने बाइक को टक्कर मार दिया और फरार हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस ने मानपुर थाने से संपर्क कर बस सीजी 23, एच 1541 को दुर्घटना कर मैनपुर की ओर जाने की सूचना दी।