रायपुर/नवप्रदेश। Safe Journey : रेलवे समय-समय पर विभिन्न सेमिनारों का आयोजन करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रेनें सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचें। इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर रेल मंडल के सुरक्षा विभाग ने बुधवार को बिल्हा में विद्युत संचालन, इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों के लिए एक ऑफ़लाइन सुरक्षा संगोष्ठी का आयोजन किया।
ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन में चालक एवं परिचालक की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए शंटिंग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, इंजीनियरिंग विभाग से संबंधित शीतकालीन सावधानियां, गाडिय़ों का सिक्योरिंग, पॉइंट्स एवं सिग्नल फेलूअर के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां तथा अग्निशामक यंत्र का उपयोग एवं प्रदर्शन की बारीकियों से रूबरू हुए।
यह आयोजन कोविड-19 से संबंधित गाइडलाइन का पूर्णत: पालन करते हुए आयोजित हुआ, जिसमें अनेक बिंदुओं पर चर्चा हुई।
शंटिंग के दौरान अधिकतम गति सीमा का ध्यान रखना जरूरी
दुर्घटना से बचने के लिए शंटिंग के दौरान सावधानी (Safe Journey) जरूरी है। संगोष्ठी में शंटिंग के बारे में बारीकी से जानकारी दी। शंटिंग की अधिकतम गति सीमा का पालन करने सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। शंटिंग के दौरान तथा प्वाइंट इन/आउट के समय प्वाइंट को क्लैम्प एवं पैड लॉक करना, ट्रेन स्टाफ एवं ट्रेन पासिंग स्टाफ के मध्य सिग्नल का आदान प्रदान करना, इंटरलॉक तथा नान-इंटरलॉक प्वाइंट पर शंटिंग के दौरान ली जाने वाली सावधानियां को बताया।
गेटमैन का कर्तव्य, हॉट एक्सल, फ्लैट टायर एवं डोर की सुरक्षा का अवलोकन, इंजीनियरिंग ब्लॉक के दौरान मशीनों की वर्किंग, रेल फ्रेक्चर की स्थिति में ट्रैक की सुरक्षा, सिग्नल की खराबी एवं रखरखाव के समय बरती जाने वाली सावधानियां, लोडिंग- अनलोडिंग पॉइंट्स पर वैगन के दरवाजों का सही ढंग से बंद कराना, ब्लॉक सेक्शन में ट्रेन के स्टाल होने पर ड्राइवर का कर्तव्य और नॉन – सिग्नलिंग में ट्रेन चलाने के दौरान चालक एवं सहायक चालकों का क्या कर्तव्य है, इसे बताया गया।
इस संरक्षा सेमिनार (Safe Journey) में डॉ डी एन बिस्वाल/वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी/रायपुर, बी.वी.टी राव/सहायक परिचालन प्रबंधक/रायपुर एवं आकाश कुमार, सहा मंडल अभियंता/भाटापारा तथा संरक्षा सलाहकार, सुपरवाइजर, एवं फील्ड कर्मचारी सहित करीब 56 लोगों ने ऑफलाइन संरक्षा संगोष्ठी में भाग लिया।