RSS made a comeback in Haryana: हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणामों को लेकर अभी तक तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हंै। एक ओर जहां सत्ता में वापसी की प्रबल दावेदार रही कांग्रेस पार्टी अभी तक अपने पराजय के कारणों की समीक्षा कर रही है
लेकिन वह तय नहीं कर पा रही है कि आखिर कैसे जीती हुई बाजी उसके हाथ से निकल गई। कांग्रेस में इसे लेकर लगातार मंथन हो रहा है। कोई इस हार के लिए कांग्र्रेस पार्टी के भीतर गुटबाजी को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो कोई पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा की हठधर्मिता को कांग्रेस की हार का मुख्य कारण बता रहा है।
वहीं कुछ कांग्र्रेस के नेता ईवीएम और चुनाव आयोग पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं। गौरतलब है कि मतदान के बाद तमाम खबरिया चैनलों ने हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर चलने का दावा किया था और कांग्रेस की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनने की भविष्य की थी।
किसी भी एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार बनने का दावा नहीं किया था। मतगणना के दिन जो प्रारंभिक रूझान सामने आए थे। उससे भी कांग्रेस की सरकार बनने के संकेत मिले थे।
किन्तु दोपहर होते तक स्थिति बदल गई और भाजपा ने अकेले अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा छू लिया। इस अप्रत्याशित चुनाव परिणाम से जहां कांग्रेस को करारा झटका लगा।
वहीं भाजपा हरियाणा में पहली बार जीत की हैट्रिक लगाकर गदगद हो गई। भाजपा को चुनाव में मिली इस सफलता का श्रेय अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को दिया जा रहा है। एैसा माना जा रहा है कि आरएसएस (RSS made a comeback in Haryana) ने ही हरियाणा में बाजी पलटी है।
आरएसएस के हजारों कार्यकर्ताओं ने हरियाणा में गांव गांव जाकर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में अग्रणीय भूमिका निभाई है। यही वजह है कि हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कांग्रेस की पकड़ मजबूत मानी जा रही थी।
वहां भी भाजपा के पक्ष में भारी मतदान हुआ था। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने खुद तीन दिनों तक हरियाणा में कैंप किया था। यही वजह है कि हरियाणा में भाजपा की जीत की पटकथा लिखी जा सकी। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और आरएसएस (RSS made a comeback in Haryana) के बीच दूरियां बढ़ गई थी।
खासतौर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा के इस बयान के बाद की अब भाजपा को आरएसएस की जरूरत नहीं है। भाजपा अब खुद सक्षम हो गई है। जेपी नड्डा के इस बयान के बाद आरएसएस के लोग उदासीन हो गए।
नतीजतन लोकसभा चुनाव में भाजपा अकेले दम पर बहुमत पाने विफल हो गई। इसके बाद भाजपा और आरएसएस के बीच मनमुटाव दूर हो गया और हरियाणा विधानसभा चुनाव में आरएसएस (RSS made a comeback in Haryana) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी।
उसी का यह सुपरिणाम निकला है कि सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भाजपा ने लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने का कीर्तिमान रच दिया है।