नई दिल्ली/नवप्रदेश। संघ प्रमुख मोहन भागवत (rss chief mohan bhagwat) के एक बयान (statement) पर बवाल खड़ा हो गया है। भागवत ने कहा था कि देश के सभी 130 करोड़ लोगों (indian people) को हिंदू (hindu) माना जाता है।
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इस पर विपक्षी दल भागवत पर आक्रामक हो गए हैं। सीपीएम लीडर वृंदा करात ने भागवत (rss chief mohan bhagwat) को आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख को देश का संविधान पढऩा चाहिए।
करात ने कहा कि इसमें शक नहीं है कि वे (mohan bhagwat) संविधान को स्वीकार नहीं करते, लेकिन उन्हेें कम से कम देश का संविधान जरूर पढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं। वे ऐसा बयान (statement) कैसे दे सकते हैं, जो संविधान सम्मत नहीं है। करात ने कहा कि देश का संविधान यह निश्चित करता है कि कौन भारतीय है। संविधान यह तय नहीं करता जो भागवत कह रहे हैंं।
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ये कहा था भागवत ने
डॉ. मोहन भागवत ने बुधवार को कहा था कि भारत पारंपरिक रूप से हिंदुत्ववादी रहा है। और संघ देश के सभी 130 करोड़ लोगों (indian people) को विविधताओंं, धर्म व संस्कृति से परे हिंदू (hindu) समाज मानता है।