नई दिल्ली, नवप्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री रोजगार मेले के तहत आज 71,000 से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति-पत्र प्रदान करने के कार्यक्रम का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। साथ ही, प्रधानमंत्री ने कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया, जो सभी नवनियुक्त व्यक्तियों के लिए एक ऑनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स है। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि स्टार्ट-अप्स से लेकर स्वरोजगार तक, स्पेस से लेकर ड्रोन तक, आज भारत में युवाओं के लिए चौतरफा नए अवसरों का निर्माण हो रहा है। रोजगार मेला युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्रीय विकास में उत्प्रेरक बनाने का हमारा प्रयास है। आज देश में 45 स्थानों पर रोजगार मेले का आयोजन हुआ, जिसके अंतर्गत भोपाल के कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर मुख्य अतिथि थे। श्री तोमर कहा कि हमारे देश के युवाओं की ताकत हमारी सबसे बड़ी ताकत है और युवाओं की पूंजी हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।
मुख्य संबोधन में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज 71,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति-पत्र दिए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप इतने परिवारों के लिए खुशी का नया युग आएगा। उन्होंने याद दिलाया कि धनतेरस के दिन केंद्र सरकार ने युवाओं को 75,000 नियुक्ति-पत्र बांटे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का रोजगार मेला इस बात का प्रमाण है कि केंद्र सरकार देश के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। कई केंद्र शासित प्रदेश व राज्य समय-समय पर ऐसे रोजगार मेले आयोजित करते रहेंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि हजारों युवाओं को संबंधित सरकारों द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, अंडमान एवं निकोबार, लक्षद्वीप, दमन व दीव, दादरा तथा नगर हवेली और चंडीगढ़ में नियुक्ति-पत्र प्रदान किए गए हैं। गोवा व त्रिपुरा भी कुछ दिनों में रोजगार मेले आयोजित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस जबरदस्त उपलब्धि के लिए डबल इंजन सरकार को श्रेय दिया और आश्वासन दिया कि भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए समय-समय पर इस तरह के रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे।
श्री मोदी ने कहा कि युवा देश की सबसे बड़ी ताकत है। केंद्र सरकार उनकी प्रतिभा व ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने नए लोक सेवकों को बधाई देते हुए याद दिलाया कि वे इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को एक बहुत ही खास समय अवधि यानी अमृत काल में संभाल रहे हैं। उन्होंने अमृत काल में देश के विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के रूप में उनसे कहा कि उन्हें अपनी भूमिका व कर्तव्यों को व्यापक रूप से समझना चाहिए और कर्तव्यों का पालन करने के लिए क्षमता निर्माण पर लगातार ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए तैयार किए विशेष पाठ्यक्रम- कर्मयोगी प्रारंभ के लाभ बताते हुए कहा कि यह उनके कौशल विकास का एक बड़ा स्रोत होगा और उन्हें लाभान्वित करेगा। प्रधानमंत्री ने महामारी और युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर युवाओं के लिए पैदा हुए संकट का जिक्र करते हुए कहा कि इस कठिन समय में भी दुनियाभर के विशेषज्ञ भारत के विकास पथ के बारे में आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, भारत सेवा क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बन गया है और जल्द ही यह दुनिया का विनिर्माण केंद्र भी होगा। जहां पीएलआई जैसी पहल इसमें बड़ी भूमिका निभाएगी, वहीं मुख्य आधार देश के युवा और कुशल जनशक्ति होंगे। पीएलआई योजना से 60,00,000 रोजगार सृजित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और स्थानीय को वैश्विक स्तर पर ले जाने जैसे अभियान रोजगार व स्वरोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में नई नौकरियों की संभावना लगातार बढ़ रही है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ये अवसर युवाओं के लिए उनके अपने शहरों और गांवों में उभर रहे हैं। इससे युवाओं की पलायन की मजबूरी कम हुई है और वे अपने क्षेत्र के विकास में अपनी भूमिका निभा पा रहे हैं।