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बढऩे लगी हाईवे पे दुर्घटनाएं, घुमंतु मवेशियों से परेशान वाहन चालक

Rising highway Accidents , The troubled vehicle driver from the stem cattle

highway Accident

राजेश झाड़ी
बीजापुर। मौसम में बदलाव के बाद सड़कों nation highway पर लगने लगा मवेशियों का डेरा। बारिश के मौसम में पशुओं animals के भीग जाने के बाद सड़कों आवारा पशुओं Stray animals का जमावड़ा लगना शुरू हो गया जिससे दुर्घटनाओं होने की आशंका बनी रहती है। बारिश के मौसम में पशुओं के शरीर पर मक्खियां बैठने लगती है जिससे वह निजात पाने के लिए सड़कों पर एक्कटा होने लगते है।

तेज रफ्तार वाहनों के कारण मखियां उड़ जाती है जिससे उन्हें निजात तो मिल जाती किन्तु इससे सड़क दुर्घटनाएं होने संभवनाएं बढ़ जाती है। पशु मालिकों के द्वारा मवेशियों को खुला छोड़ दिए जाने से सड़क हादसे की आशंका बढ़ गई है। ग्रामीण सड़कों से लेकर बीजापुर-भोपालपटनम और बीजपुर गीदम नेशनल हाईवे पर आवरा मवेशियों की पैठ का नजारा इन दिनों आम हो चला है। खेती-किसान के चलते जहां मवेशी पालक अपने पशुओं को घुमंत छोड़ रहे हैं, वही आवारा मवेशी भी परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं।

सड़कों पर मवेशियों के डेरा जमाए बैठने से वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भोपालपट्नम मार्ग पर मद्देड़, पेगडापल्ली, मोदकपाल के अलावा भैरमगढ़ मार्ग पर नैमेड़, जैवाराम, जांगला आदि गांवों के समीप रोजाना

मवेशियों का जमघट नजर आ रहा है। दिन के वक्त घुमंतु मेवशियों को चरवाहे अवश्य जंगल की ओर ले जाते हैं मगर शाम ढलने के बाद इन्हें गोठान ले जाने के बजाए खुला छोड़ दिया जाता है, जिसके बाद मवेशी सड़कों पर पैठ बना जुगाली करते मिलते हैं। मवेशियों की सड़कों पर इस तरह दखल के चलते बसों के अलावा, चार पहिया वाहनों को गुजरने में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं।

वही दुपहिया चालकों की शिकायत है कि अक्सर इनके करीब से गुजरते वक्त गाय-बैल आपस में लड़ते वाहन के पास आ जाते हैं, जिससे इनसे टकराने और चोटिल होने का खतरा बढ़ गया है।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी नरवा, गुरवा योजना के तहत् गोठानों के निर्माण को भी विकास कार्यों की प्राथमिकता में शामिल किया गया है, लेकिन बीजापुर जिले में गोठानों के अभाव में मवेशी घुमंतु अवस्था में पाए जा रहे हैं, इससे ना सिर्फ सड़क मार्ग पर आवागमन बाधित हो रहा है बल्कि सड़क हादसे की आशंका भी बढ़ती जा रही है, त्रस्त राहगीर कांजी हाउस जैसी व्यवस्था का हवाला देते प्रशासन से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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