अहमदाबाद/नवप्रदेश। सरकारी नौकरियों में महिलाओं के आरक्षण को (reservation for woman in government jobs) लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। गुजरात हाईकोर्ट (gujrat high court) की डिविजन बेंच ने अपने अहम फैसले में कहा है कि जनरल कैटेगरी की महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती का अधिकार सभी महिलाओं को है, फिर चाहे कोई महिला संंबंधित आरक्षित वर्ग की हो या न हो । मसलन जनरल कैटेगरी के पदों पर एससी, एसटी तथा ओबीसी वर्ग की महिलाएं भी भर्ती की हकदार हैं।
गुजरात हाईकोर्ट (gujrat high court) के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ एवं जस्टिस जेबी पार्डिवाला की डिविजन बेंच ने कहा कि जनरल कैटगरी के पदों के लिए आरक्षण (reservation for woman in government jobs) नहीं है।
और जनरल कैटेगरी की महिलाओं के लिए उपलब्ध हॉरिजोंटल रिजर्वेशन को महिलाओं की जाति को न देखते हुए भरा जाना है। हाईकोर्ट ने कहा कि जनरल कैटेगरी की महिलाओं के लिए आरक्षित पद गुजरात राज्य की सभी महिलाओं के लिए है। जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग में आने वाली महिलाओं के अलावा वे महिलाएं भी शामिल हैं, जो इन वर्ग में नहीं आती है।
पुलिस इंस्पेक्टर की भर्ती को लेकर आया फैसला
गुजरात हाईकोर्ट का यह फैसला गुजरात सरकार द्वारा गुजरात पब्लिक सर्विस कमीशन (gpsc) के जरिए निकाली गई पुलिस इंस्पेक्टर के पदों की भर्ती को लेकर आया है। दरअसल इस भर्ती में गुजरात सरकार द्वारा गुजरात सिविल सर्विसेज में लागू किए आरक्षण (reservation for women in government jobs) संबंधी संशोधित नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
गुजरात सरकार के 2018 में जारी जीआर के क्लॉज 12 में कहा गया है कि यदि एससी, एसटी, एसईबीसी के आरक्षित वर्ग की किसी महिला का चयन रोस्टर नंबर में जनरल कैटेगरी में होता है तो उसे जनरल कैंडिडेट माना जाएगा।
और महिलाओं के आरक्षण संबंधी रजिस्टर में उसे संबंधित वर्ग एससी, एसटी, एसईबीसी का माना जाएगा। जबकि क्लॉज 13 कहता है कि मेरिट के आधार पर चयनित महिला को उसके संबंधित वर्ग (एससी, एसटी, एसईबीसी) का माना जाएगा। लेकिन संबंधित वर्ग की पोस्ट को रिक्त माना जाएगा।
ऐसे कोर्ट तक पहुंचा मामला
गुजरात में पुलिस इंस्पेक्टर के पदाें के लिए परीक्षा के बाद चयनित अभ्यर्थियों की जारी सूची में एसईबीसी वर्ग की 6 महिलाओं तथा एससी वर्ग की 1 महिला को जनरल कैटेगरी में शामिल कर लिया गया। इस सूची को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने उक्त क्लाॅज 12 व 13 के आधार पर सूची को रद्द कर दिया और जीपीएससी (gpsc) सब क्लॉज 12 व 13 के आधार पर दाेबारा से सूची बनाने के आदेश दिए।
29-11-2019 को दिए इस आदेश के खिलाफ हाल ही में हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने सुनवाई की और फैसला दिया कि जनरल कैटेगरी की महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती का अधिकार सभी महिलाओं को है फिर चाहे वह आरक्षित वर्ग की हो या न हो।