रायपुर/नवप्रदेश। Relief to IAS Tuteja : IAS अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि ईडी फिलहाल गिरफ्तारी नहीं कर पाएगा। शुक्रवार को जस्टिस संजय किशन कौल और एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से ईडी द्वारा की जा रही कार्रवाई को गलत बताया गया था।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमन उल्लाह की बेंच ने फिलहाल बलपूर्वक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। आईएएस टुटेजा ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को पत्र लिखकर यह आशंका जताई थी कि पूछताछ के बहाने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। अब इस मामले की अगली सुनाई 13 जुलाई को होगी। तब तक के लिए ईडी अपनी जांच जारी रखेगी, लेकिन कोई भी सख्ती नहीं कर पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
याचिका में कोर्ट से गुजारिश की गई थी कि ईडी जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करना चाह रही है उसमें कोई आधार नहीं है। ईडी ने यह नहीं बताया कि टुटेजा ने कैसे अवैध धन का उपार्जन किया और कैसे इसकी मनी लॉन्ड्रिंग की। जबकि ईडी नियमावली में ये बताते हुए ही केस रजिस्टर किया जाता है, जोकि नहीं किया गया। IAS अफसर अनिल टुटेजा के खिलाफ ED फिलहाल गिरफ्तारी की कार्रवाई नहीं कर सकेगी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है। अनिल टूटेजा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। याचिका अनिल टुटेजा – यश टुटेजा की ओर से दाखिल की गई थी।
मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप
बता दें कि ईडी ने आईएएस टुटेजा के निवास पर छापा मारा था। यह छापा पूर्व के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा मारे गए छापे से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें हाल ही में तीस हजारी कोर्ट ने अलग एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं। तीस हजारी कोर्ट के फैसले को ही आईएएस अफसर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर यह फैसला आया है। ईडी द्वारा छापे के बाद आईएएस टुटेजा से पूछताछ की गई थी। इसके बाद उन्हें फिर से कोर्ट में पेश होने के लिए समंस जारी किया गया था।
इसमें प्रस्तुत नहीं होने पर ईडी ने मुख्य सचिव (Relief to IAS Tuteja) को पत्र लिखा था। इसके जवाब में आईएएस टुटेजा ने अपने पत्र में बताया था कि वे भौतिक रूप से समंस को नहीं ले पा रहे हैं, लेकिन विधिवत उनका जवाब दे रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का हवाला देकर ईडी से समय मांगा था। इसी पत्र में उन्होंने ईडी द्वारा गिरफ्तार करने की आशंका भी जाहिर की थी।