अम्बिकापुर/नवप्रदेश। प्रदेश सरकार की पुनर्वास नीति (Rehabilitation policy) के चलते लगभग 15 वर्ष पूर्व नक्सली संगठन (naxalite organization) को छोड़कर पुलिस सेवा में तैनात आरक्षक (Guard) ने पारिवारिक विवाद (Family dispute) के चलते खुद को आग (fire) लगा ली। आरक्षक मोहरलाल वाड्राफनगर पुलिस चौकी में पदस्थ था।
आरक्षक (Guard) के बताए मुताबिक दोनों पत्नियों के बीच विवाद बहुत ज्यादा हो गया तो उसने खुद को ही आग ली। प्राथमिक अस्पताल में ले जाने के बाद आरक्षक को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान आरक्षक मोहर लाल की मौत (Death) हो गई।
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पुलिस ने बताया कि बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थाना अंतर्गत शंकरपुर ग्राम निवासी मोहर लाल पिता गंगा प्रसाद गोड़ 35 वर्ष सोमवार की शाम घर में खुद को आग (fire) के हवाले कर लिया था। पुलिस को दिए बयान में उसकी पत्नी देवकुंवर सिंह ने बताया कि घटना दिवस वह अपने नौ वर्षीय पुत्र राहुल सिंह के साथ घर में थी।
इसी बीच उसका पति दूसरी औरत सुनीता को लेकर घर आया, इसके बाद दोनों के बीच विवाद की स्थिति बन गई थी और उसका पति गुस्से में आकर घर में रखे मिट्टी तेल अपने ऊपर उड़ेल लिया। उसे इलाज के लिए वाड्रफनगर स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, यहां से प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे रेफर करने पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां देर शाम उसकी मौत हो गई।
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सूचना पर वाड्रफनगर चौकी प्रभारी सुनील तिवारी भी मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे थे। आरक्षक (Guard) मोहर लाल वर्ष 2003-04 में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद नक्सली पुनर्वास नीति के तहत उसकी आरक्षक पद पर नियुक्ति हुई थी।