मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान में हर दिन नया मोड़ निकल कर सामने आ रहा है। अजित पवार ने जिस तरह से अपने चचा शरद पवार के साथ बगावत की है। इससे लगता नहीं की अब कोई सुलह की गुंजाइश होगी। अजित पवार ने पिछले तीन सालों में दो बार बगावत की है।
पिछली बार शरद पवार ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया था और भतीजे अजित की बगावत को 48 घंटे के भीतर विफल कर दिया था। इसके बाद अजित पवार को डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था और वे चाचा के खेमे में वापस लौट गए थे।
लेकिन इस बार बगावत अपने अगले दौर में पहुंच गए है। शरद पवार और अजित पवार दोनों गुट खेमाबंदी में जुट गए हैं। शरद पवार एक्शन में आ गए हैं, उन्होंने अजित के साथ बगावत करने वाले तमाम नेताओं को एनसीपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चाचा-भतीजे में पिछली बार की तरह इस बार भी सुलह की कोई गुंजाइश बची है?
एनसीपी में बगावत
- -288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं।
- -अजित पवार के साथ 8 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली।
- -अजित दावा 36 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है।
महाराष्ट्र में खेमाबंदी शुरू
- -एनसीपी में हुई बगावत के बाद सभी पार्टियां एक्शन मोड में आ गई हैं।
- -शरद पवार ने खेमाबंदी और पावर शो दिखाने के लिए 5 जुलाई को अलग अलग बैठकें बुलाई हैं।