Ration Card Cancellation Jharkhand : झारखंड सरकार ने जन वितरण प्रणाली (PDS) में वर्षों से जारी गड़बड़ियों पर बड़ी कार्रवाई की है। एक सघन जांच अभियान के तहत राज्य के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग ने चार श्रेणियों में 2.58 लाख से अधिक राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। इस कार्रवाई ने न केवल सिस्टम में मौजूद फर्जीवाड़े को बेनकाब किया है, बल्कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की पारदर्शिता को भी नया आधार दिया है।
सबसे बड़े ‘भूत’: मृत लोगों के नाम पर उठ रहा था राशन
सरकार द्वारा रद्द किए गए 2.58 लाख कार्डों में सबसे अधिक संख्या ऐसे लाभुकों की है, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनके नाम पर सालों से राशन का उठाव हो रहा था।
कुल मृत लाभुकों के नाम पर 1.44 लाख कार्ड रद्द किए गए हैं, जो कुल रद्द कार्डों का 57% हिस्सा है।
धनबाद (12,561), दुमका (11,581), रांची (11,169), पूर्वी सिंहभूम (9,038) – ये जिले इस गड़बड़ी में सबसे आगे रहे।
हालांकि जांच में 5,489 कार्डधारी(Ration Card Cancellation Jharkhand) जीवित पाए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि डेटा की दोबारा पुष्टि भी उतनी ही जरूरी है।
PDS में उम्र की अनदेखी भी उजागर
18 वर्ष से कम और 100 वर्ष से अधिक आयु वाले कार्ड प्रमुखों के कुल 1.67 लाख कार्डों में से 8,381 कार्ड रद्द कर दिए गए हैं।
यह PDS कंट्रोल ऑर्डर के सीधे उल्लंघन का मामला है, जिसमें यह स्पष्ट है कि राशन कार्ड परिवार की महिला प्रमुख (18 वर्ष से अधिक) के नाम पर ही होना चाहिए।
6 माह से राशन नहीं उठाया? कार्ड रद्द!
97,867 कार्ड उन लोगों के रद्द हुए हैं जिन्होंने पिछले 6 महीनों से राशन नहीं उठाया था। कुल 8 लाख से अधिक ऐसे कार्डों की जांच हुई।
एक ही व्यक्ति, दो जगह राशन!
7,529 कार्ड ऐसे पाए गए जहां लाभुक दो जिलों या दो राज्यों (झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) से राशन ले रहे थे – यानी डबल डिपिंग।
मंईयां योजना की शुद्धता भी दांव पर थी
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना – जिसमें 18 से 50 वर्ष की महिला लाभुकों को सालाना 2500 की सहायता दी जाती है – वह पूरी तरह से राशन कार्ड से जुड़ी है। ऐसे में रद्द हुए कार्डों(Ration Card Cancellation Jharkhand) से कुछ महिलाओं का योजना से बाहर होना तय है, लेकिन राहत की बात ये है कि अब तक 3.17 लाख नए राशन कार्ड भी बनाए गए हैं, जिसमें योग्य महिलाएं योजना में दोबारा शामिल हो सकेंगी।