इंदौर, नवप्रदेश। मध्यप्रदेश से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहाँ रपे केस में पहली बार लड़की को 10 की सजा सुनाई गई है। ये सजा इंदौर कोर्ट ने सुनाई है। दोषी युवती किशोर को धोखे से अपने साथ गुजरात ले जाकर उसके साथ कई बार जबरन शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में लड़की को सजा सुनाई गई (Rape With Minor Boy) है।
बता दें कि 5 नवंबर 2018 को एक महिला ने इंदौर के बाणगंगा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका 15 साल का बेटा 3 नवंबर 2018 को पास की दुकान में खीर के लिए दूध लेने गया था, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटा।
महिला ने बेटे को आसपास और रिश्तेदारों के यहां भी काफी तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद महिला ने अपने बेटे के बहला-फुसलाकर अगवा किए जाने की आशंका जताते हुए पुलिस से उसे ढूंढ़ने की गुहार लगाई (Rape With Minor Boy) थी।
इसके बाद पुलिस लापता किशोर की तलाश में जुट गई थी। कुछ दिन बाद पुलिस ने उस किशोर को ढूंढ निकाला, तब उसके साथ एक युवती भी पकड़ी गई (Rape With Minor Boy) थी।
पुलिस ने किशोर से पूछताछ की तो उसने बताया कि राजस्थान की रहने वाली 19 वर्षीय युवती उसे धोखे से अपने साथ गुजरात ले गई थी। वहां उसने किशोर को टाइल बनाने की फैक्ट्री में नौकरी पर लगा दिया था।
पीड़ित किशोर ने बताया कि वह युवती उसे बार-बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर करती थी। लड़के ने बताया कि वो अपने घरवालों से बात न कर सके, इसके लिए उसका मोबाइल फोन भी वह युवती अपने पास ही रखती थी।
पीड़ित लड़के के बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया और जब युवती पर लगे आरोपी की जांच की तो वो भी सही पाए गए।
जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि इस युवती ने नाबालिग लड़के को फोन किया था कि मेरा घरवालों से झगड़ा हो गया, तुम मेरे साथ चलो। वो नाबालिग को बहला फुसलाकर गुजरात ले गई और उसे किसी कंपनी में काम पर लगा दिया।
युवती वहां किशोर को लेकर किराए के मकान में रहती थी और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालती थी। जिला अभियोनज अधिकारी ने बताया कि यह पहला मामला है कि जब किसी लड़की को पॉस्को एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने 15 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए दोषी युवती को 10 साल के कठोर कारावास और तीन हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई है। इसके साथ कोर्ट ने पीड़ित किशोर को 50 हजार रुपये प्रतिकर राशि के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा भी की है।