-पवित्र ग्रंथ के अपमान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है
नई दिल्ली। Ram Rahim troubles increase: राम रहीम की मुसीबत बढ़ गई है। पवित्र ग्रंथ के अपमान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। 2015 में अदालत ने पवित्र पुस्तक के अपमान से संबंधित मामलों में राम रहीम के खिलाफ कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी। पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राम रहीम को नोटिस भी जारी किया है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई पर उच्च न्यायालय की रोक के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा दायर अपील पर गुरमीत राम रहीम सिंह (Ram Rahim troubles increase) को नोटिस भी जारी किया। मार्च में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राम रहीम के खिलाफ तीन मामलों में कार्यवाही पर रोक लगा दी।
यह मामला गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान से जुड़ा है। ये मामले फरीदकोट जिले के बरगारी में हुई घटनाओं के बाद दर्ज किए गए हैं, जहां सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को कथित तौर पर अपवित्र किया गया और गायब कर दिया गया। दिसंबर 2021 में राम रहीम ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और 2015 की तीन एफआईआर की सीबीआई जांच की मांग की। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
12 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट के बरगारी गांव में गुरु ग्रंथ साहिब (Ram Rahim troubles increase) के हिस्से बिखरे हुए मिले थे। इसके बाद पुलिस स्टेशन बाजाखाना में आईपीसी की धारा 295, 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई। राम रहीम सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है। राम रहीम को यातना मामले में 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा पत्रकार की हत्या मामले में भी राम रहीम और तीन अन्य को दोषी ठहराया गया है। 2019 में पत्रकार हत्याकांड में कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया था।