दृष्टिहीन बहनों के बीच रक्षा के बंधन में 11 साल से बंधे हैं भइया ‘मयूर’
रायपुर/नवप्रदेश। Raksha Bandhan’s Youth Group Team Bond : राजधानी का युवा ग्रुप टीम बंधन के नाम से जाना जाता है। इस युवा संगठन के की शुरुवात भइया ‘मयूर’ ने की और धीरे धीरे बहुंत सी नेत्रहीन बहनों को सूरज, नमन, आकाश, नीतिश, सुशांत और राहुल भाई भी उन्हें मिल गए हैं। आज से लगभग 11 वर्ष पहले की बात होगी। इसकी शुरुवात मयूर ने अकेले ही की थी। दिन रक्षाबंधन का था।
बताते हैं कि रक्षाबंधन के दिन कुछ नया करने की इच्छा ने उन्हें दृष्टिहीन प्रेरणा संस्था हीरापुर साई मंदिर के सामने टाटीबंध पहुंचा दिया। नेत्रहीन बच्चो के साथ बिताए कुछ पल ने उन्हें बहुत प्यार मिला प्यार भाई बहन के अटूट रिश्ते में बदल गया। आज भी उन्हें रक्षा बंधन का इंतजार हर पल रहता है। ताकि वो अपनी प्यारी बहनों से मिल सके।
मयूर जी के इस नेक काम में आज उनके दोस्त और कुछ सामाजिक लोग जुड़ते जा रहे है और इस इस दिन का उनको और उनके दोस्तों को बड़ा ही बेसब्री से इंतजार रहता है ताकि वे अपनी बहनों से मिलकर प्यार बांट सके।
आज इनका काफिला बढ़ चुका है जिसमे मयूर बरछा के साथ, सूरज सोनी, नमन पटेल, अकाश शर्मा, नीतीश वर्मा, सुशांत धराई, राहुल गढ़ियाँ अपने साथ वो दृष्टिहीन बहनों के लिए राखी मिठाई जरूरत के समान साथ ले कर जाते है। खेलकूद और एक दुसरे का दुःख-दर्द व प्यार बांट रहे युवा राखी बंधवते है।